यह मच्छरों द्वारा फैलाई जाने वाली बीमारी है डेंगू और चिकनगुनिया इस समय सबसे तेजी से फैल रही बीमारी में से एक हैं. डेंगू के दौरान रोगी के जोड़ों में तेज दर्द के साथ ही सिर में भी दर्द होता है. यह बीमारी बड़ों के मुकाबले बच्चों में ज्यादा तेजी से फैलती है.
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डेंगू बुखार में प्लेटलेट्स का स्तर बहुत तेजी से नीचे गिरता है जिसके कारण शरीर में कमजोरी हो जाती है और जोड़ों में दर्द कई महीनों तक बना रहता है. बुखार के दौरान प्लेटलेट्स कम होना इसका मुख्य लक्षण हैं. यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता. बुखार के साथ सबसे सामान्य लक्षण है सिरदर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द और त्वचा का खराब हो जाना. कभी-कभी, यह लक्षण फ्लू के साथ मिलकर कंफ्यूज भी कर देते हैं. पिछले कुछ सालों में डेंगू के मामले बढ़ते जा रहे हैं.
@ तुलसी के पत्ते का प्रयोग :
तुलसी के पत्तों को गरम पानी में उबालकर छानकर, रोगी को पीने को दें. तुलसी की यह चाय डेंगू रोगी को बहुत आराम पहुंचाती है. यह चाय दिनभर में तीन से चार बार पी जा सकती है. तुलसी के पत्तों को उबालकर शहद के साथ पिएं, इससे भी इम्यून सिस्टम बेहतर बनता है.
@ नीम के तेल का प्रयोग :
नीम का तेल मच्छरों से राहत पाने का बेहतर उपाय है। इसे लगाने से आपको डेंगू के मच्छर नहीं काटते हैं।
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@ पीपते के पत्ते का प्रयोग :
डॉ. गार्गी बताती हैं कि, “ यह प्लेटलेट्स की गिनती बढ़ाने में हेल्प करता है. साथ ही, बॉडी में दर्द, कमजोरी महसूस होना, उबकाई आना, थकान महसूस होना आदि जैसे बुखार के लक्षण को कम करने में सहायक है.” आप इसकी पत्तियों को कूट कर खा सकते हैं या फिर इन्हें ड्रिंक की तरह भी पिया जा सकता है, जो कि बॉडी से टॉक्सिन बाहर निकालने में मदद करते हैं.
पपीते की पत्तियां, डेंगू के बुखार के लिए सबसे असरकारी दवा मानी जाती हैं. पपीते की पत्तियों में मौजूद पपेन एंजाइम शरीर की पाचन शक्ति को ठीक करता है. डेंगू के उपचार के लिए पपीते की पत्तियों का जूस निकाल कर रोगी को पिलाने से प्लेटलेट्स की मात्रा तेजी से बढ़ती है.
@ नीम के पत्तों का धुआं का प्रयोग :
निवारण हमेशा इलाज से बेहतर है। डेंगू को रोकने के लिए मच्छरों से बचाव करना सबसे अच्छा उपाय है। मच्छरों से राहत पाने के लिए सूखे नीम के पत्तों को जलाकर इस्तेमाल किया जा सकता है।
@ मेथी के पत्ते का प्रयोग :
यह पत्तियां बुखार कम करने के लिए सहायक हैं. यह पीड़ित का दर्द दूर कर उसे आसानी से नींद में मदद करती हैं. इसकी पत्तियों को पानी में भिगोकर उसके पानी को पीया जा सकता है. इसके अलावा, मेथी पाउडर को भी पानी में मिलाकर पी सकते हैं.
@ नीम के पानी का प्रयोग :
नींबिन और निम्दीडीन नीम के पत्तों में पाए जाने वाले केमिकल्स हैं जिनका एंटी-माइक्रोबियल, एंटी प्योरेटिक और एंटी-इंफ्लेमेटरी प्रभाव पड़ता है। दिन में दो से तीन बार नीम के पत्तों का पानी पीने से ब्लड प्लेटलेट्स बढ़ते हैं।
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