नई दिल्ली : ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे भारत दौरे पर हैं। थेरेसा ने पाकिस्तान से हो रही घुसपैठ और आतंकवाद के खिलाफ भारत की लड़ाई में साथ मिलकर कड़ा रुख इख्तियार किया। ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उस मांग का समर्थन किया है जिसमें वो आतंकवादियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग लगातार करते आ रहे हैं।
दोनों देशों के प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान से 26/11 के मुंबई हमले और 2016 के पठानकोट आतंकवादी हमले को अंजाम देने वालों के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की है। इसके अलावा ब्रिटिश पीएम ने हाल ही में हुए उरी हमले की भी निंदा की।
आपको बता दे कि ब्रिटिश पीएम थेरेसा मे ने पाकिस्तान का जिक्र करते हुए सीमा पार हो रहे आतंकी गतिविधियों को लेकर चिंता जताई। मोदी और मे के बीच दो घंटे तक चली द्विपक्षीय वार्ता के बाद जारी किए गए संयुक्त बयान में यह कहा गया है कि किसी भी देश को आतंकियों का महिमामंडन नहीं करना चाहिए।
यूरोपीय संघ से ब्रिटेन के बाहर होने के बाद थेरेसा मे ने प्रधानमंत्री की कुर्सी संभाली। पीएम बनने के बाद यूरोप के बाहर यह उनकी पहली यात्रा है। दोनों देशों ने संयुक्त बयान जारी कर आतंकवाद को मानवता के लिए गंभीर खतरा बताया है। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक-दूसरे का साथ देने की प्रतिबद्धता भी दोहराई।
भारत ने ब्रिटेन से अपने यहां वांछित उन 57 लोगों के प्रत्यर्पण की मांग की है, जिन्हें भगोड़ा घोषित किया जा चुका है। इस सूची में अगस्टा वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर सौदे में बिचौलिये की भूमिका निभाने वाले माइकल क्रिश्चन और बैकों के 9000 करोड़ रुपये लेकर उड़े शराब कारोबारी विजय माल्या के अलावा ललित मोदी का भी नाम है।
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