महर्षि वात्स्यायन ने जो कामसूत्र ग्रंथ लिखा है उसमें केवल सेक्स पर चर्चा नही है। उसमें व्यक्ति की जीवनशैली, पति-पत्नी के कर्त्तव्य, सौंदर्य, आदि से जुड़े विषयों पर जानकारी है। सेक्स पर चर्चा को भले ही हमारे समाज में वर्जित माना जाता हो, लेकिन कामसूत्र इस विषय पर गहराई और गंभीरता से चर्चा करता है। और न केवल चर्चा करता है, बल्कि इसके महत्व के बारे में भी बताता है। अपनी विषय-परक जानकारी के चलते कामसूत्र दुनिया भर में पसंद की जाने वाली किताब है। इसमें काम यानी संभोग को ही जीवन का आधार माना गया है।
कामसूत्र का अर्थ है सेक्स की सही जानकारी। सेक्स के बारे में समाज में व्याप्त मिथ और भ्रामक जानकारियों को दूर करने में भी कामसूत्र मदद करता है। कामसूत्र का मतलब केवल सेक्स संबंध ही जीवन नही है बल्कि पारिवारिक जीवन का सही तरीके से निर्वहन भी कामसूत्र है।
कामसूत्र का अर्थ है सेक्स की सही जानकारी। सेक्स के बारे में समाज में व्याप्त मिथ और भ्रामक जानकारियों को दूर करने में भी कामसूत्र मदद करता है। कामसूत्र का मतलब केवल सेक्स संबंध ही जीवन नही है बल्कि पारिवारिक जीवन का सही तरीके से निर्वहन भी कामसूत्र है।
कामसूत्र में स्त्री और पुरुष की शारीरिक संरचना और मनोविज्ञान पर भी विस्तार से चर्चा की गई है। इसमें बताया गया है कि प्रेम और संभोग किस तरह एक दूसरे पर आश्रित हैं। कामसूत्र सिखाता है कि प्रेम का आधार है संभोग और संभोग का आधार है प्रेम।
वात्स्यायन कहते हैं प्रेम केवल मन या दिल में नहीं पनपता। यह शरीर में भी होता है। कामसूत्र में उन्होंने बताया है कि यदि स्त्री-पुरुष एक दूसरे के शरीर से प्रेम नहीं करते तो मन, हृदय या आत्मा से प्रेम करना महत्वहीन है। प्रेम का आरंभ तो शरीर से ही होता है। पहले शरीर ही शरीर को देखता है। यदि पुरूष में पौरुषत्व है और स्त्री उसकी तरफ आकर्षित है तो एक दूसरे के मोहपाश से बचना असंभव है।
सेक्स संबंध ही दाम्पत्य जीवन में सुख-शांति का आधार हैं। काम (सेक्स) के सम्मोहन के कारण ही स्त्री-पुरुष विवाह सूत्र में बंधने को तैयार होते हैं। कामसूत्र में काम (सेक्स संबंध बनाने के तरीके) के विभिन्न प्रकार के आसनों के बारे में भी बताया गया है। कामसूत्र का उद्देश्य उत्तेजित करना नहीं वरन् सेक्स और उससे जुड़े मुद्दों पर सही ज्ञान देना है। इसमें संभोग के हर पहलू को विस्तार से वर्णित किया गया है।
वात्स्यायन कहते हैं प्रेम केवल मन या दिल में नहीं पनपता। यह शरीर में भी होता है। कामसूत्र में उन्होंने बताया है कि यदि स्त्री-पुरुष एक दूसरे के शरीर से प्रेम नहीं करते तो मन, हृदय या आत्मा से प्रेम करना महत्वहीन है। प्रेम का आरंभ तो शरीर से ही होता है। पहले शरीर ही शरीर को देखता है। यदि पुरूष में पौरुषत्व है और स्त्री उसकी तरफ आकर्षित है तो एक दूसरे के मोहपाश से बचना असंभव है।
सेक्स संबंध ही दाम्पत्य जीवन में सुख-शांति का आधार हैं। काम (सेक्स) के सम्मोहन के कारण ही स्त्री-पुरुष विवाह सूत्र में बंधने को तैयार होते हैं। कामसूत्र में काम (सेक्स संबंध बनाने के तरीके) के विभिन्न प्रकार के आसनों के बारे में भी बताया गया है। कामसूत्र का उद्देश्य उत्तेजित करना नहीं वरन् सेक्स और उससे जुड़े मुद्दों पर सही ज्ञान देना है। इसमें संभोग के हर पहलू को विस्तार से वर्णित किया गया है।
कामसूत्र (Kamasutra Gyan) में बताया गया है कि महिलाओं को भी सेक्स संबंध और जीवनशैली की सभी कलाओं के बारे में जानकारी होनी चाहिए। कामसूत्र में महिलाओं को 64 कलाओं के बारे में जानकारी दी गई है। इन कलाओं में गायन, नृत्य आदि के बारे में वर्णन है।
उम्र ढलने के साथ ही सेक्स संबंध बनाने की इच्छा कम होने लगती है। ऐसे में ध्यान और समाधि की जरूरत होती है। कामसूत्र (Kamsutra Kahani) संभोग से समाधि की जानकारी देता है।
कामसूत्र (Kamasutra Book or PDF in Hindi) को पढ़ने से सेक्स को लेकर जो भी भ्रम है वो समाप्त हो जाते हैं। सेक्स संबंध बनाते वक्त आप जो गलतियां करते हैं इसे पढ़ने के बाद आप उन गलतियों को नही दोहराएंगे।
उम्र ढलने के साथ ही सेक्स संबंध बनाने की इच्छा कम होने लगती है। ऐसे में ध्यान और समाधि की जरूरत होती है। कामसूत्र (Kamsutra Kahani) संभोग से समाधि की जानकारी देता है।
कामसूत्र (Kamasutra Book or PDF in Hindi) को पढ़ने से सेक्स को लेकर जो भी भ्रम है वो समाप्त हो जाते हैं। सेक्स संबंध बनाते वक्त आप जो गलतियां करते हैं इसे पढ़ने के बाद आप उन गलतियों को नही दोहराएंगे।
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