
हम आपको बताते है इन अलगाववादियों का सच क्या है। 8 नवम्बर को मोदीजी ने नोटबंदी का ऐलान किया था और उसके 3 दिनों में ही कश्मीर से पत्थरबाजी गायब हो गयी थी क्यूँकि पत्थर मारने वाले पाँच सौ रुपए रोज़ के लेकर सेना को पत्थर मारते थे। फिर इन्ही अलगाववादियों ने भूखे मरते देश के सैलानियों से कश्मीर घुमने का आग्रह किया, और अब इन अलगाववादियों की हालत इतनी ख़राब हो गयी कि इनकोकश्मीर मूवमेंट रोक देना पड़ रहा है । क्या ये कश्मीर के अच्छे दिन नहीं हैं ।
अब साफ़ जाहिर होता है कि नोटबंदी से ये अलगाववादियों कंगाल हो गए, इनके पास हवाला देने के लिए कुछ बचा नहीं है, तो इनका सारा धंधा चौपट हो गया. इनके पास रखे इनके जाली नोट मोदीजी ने एक झटके में कचरा बना दिए, अब धंधा करे तो कैसे करे । अलगाववादियों की हवा टाइट हो गई है. अब इन अलगाववादियों के पास खाने को तो पैसा है नहीं, जिहाद कैसे फैलायेंगे. मोदीजी ने कश्मीर घाटी में चल रहे जिहाद की हवा रोक दी, जिसके साथ साथ वादी में हालात भी सुधरने लगें ।
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