
नोटबंदी के विरोध में एकजुट हुआ विपक्ष अब टूटने लगा है . जबसे प्रधानमंत्री मोदी ने नोटबंदी का एलान किया है तबसे पूरा विपक्ष एकजुट होकर उनके खिलाफ खड़ा था . नतीजा यह हुआ कि एकजुट विपक्ष ने संसद के शीतकालीन सत्र तक को चलने ही नहीं दिया . इसके बाद कांग्रेस युवराज राहुल गाँधी ने मोदी जी पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाये . कहा जा रहा है कि इसी कारण सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी ने एलान कर दिया कि अब उनकी पार्टी विपक्ष की ज्वाइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में शामिल नहीं होगी .
दरसअल सीपीएम के इस प्रकार अलग होने को कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है . कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बताया कि कांग्रेस ने नोटबंदी और मोदी जी पर निजी भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर पूरे विपक्ष की मीटिंग बुलाई . रमेश के अनुसार ये मीटिंग मंगलवार को दिल्ली में होगी . जिसमे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अहम भूमिका है लेकिन कई विपक्षी दलों को कांग्रेस का ये रवैया ठीक नहीं लगा .
बता दें कि संसद के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन से पहले भी राहुल गांधी ने सारे विपक्ष के साथ प्रेस कांफ्रेंस की थी . जिसमें उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि मोदी सरकार उन्हें नोटबंदी पर संसद में बोलने नहीं दे रही है क्योंकि उनके पास मोदी जी से जुड़े भ्रष्टाचार के पसर्नल डॉक्युमेंट हैं . राहुल के इस ब्यान के बाद काफी हंगामा भी हुआ . कई विपक्ष के नेताओं ने राहुल गांधी के इस बयान पर आपत्ति जताई और कहा कि प्रधानमंत्री पर इस तरह के व्यक्तिगत आरोप लगाने से पहले सारे विपक्ष को कांफिडेंस में लेना चाहिए था क्युकि सारा विपक्ष एकजुट होकर नोटबंदी के खिलाफ खड़ा है .
इसके अगले दिन ही राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात भी की . यह किसानों की समस्याओं को लेकर थी . कांग्रेस ने इसके बारे में अपने सहयोगी दलों को भी नहीं बताया . बताया जा रहा है कि नाराजगी उसी समय से बढ़ गई . जिसका असर अब दिखना शुरु हुआ है . सीपीएम ने साफ कह दिया है कि वो ज्वाइंट प्रेस कांफ्रेंस में हिस्सा नहीं लेगी . बता दें कि जेडीयू और एनसीपी ने भी कांग्रेस से अलग अपनी राह पकड़ ली है . दरअसल कांग्रेंस पर यह आरोप लगाए जा रहे हैं कि वो दूसरे दलों का अपना फायदे के लिए इस्तेमाल कर रही है .
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