
साउथ डेकोटा स्कूल ऑफ माइन्स एंड टेक्नॉलजी की नमिता श्रेष्ठ का कहना है कि उन्होंने ऐसी ज़बरदस्त तरकीब निकाल ली है जिससे ख़राब हुए टमाटर से बिजली पैदा की जा सकेंगी. यह जानकारी एक शोध में सामने आइ है. इस शोध में भारतीय मूल के एक वैज्ञानिक भी शामिल है. यह शोध साउथ डेकोटा के अस्टिटेंट प्रोफेसर वेंकटरामन्ना गधामशेट्टी और प्रिंसटन विश्वविद्यालय के रसायन शास्त्र के अंडरगेजुएट छात्र एलेक्स फोग के साथ मिलकर नमिता श्रेष्ठ ने किया था. बताया जा रहा है कि इस परियोजना पर गधामशेट्टी ने दो साल पहले काम शुरू किया था.
हुआ यूँ कि हर साल यहाँ टमाटर की पैदावर काफी ज्यादा होती है जिससे टमाटर का एक बड़ा हिस्सा बर्बाद हो जाता था. इन टमाटर को ठिकाने लगाना ओर भी मुश्किल हो जाता था. इस समस्या से जूझने के लिए यहाँ एक शोध किया गया. इस शोध में टमाटर से बिजली पैदा करने की तरकीब निकली गई.
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