
ग़ौरतलब हो कि इस देश हित और संस्कार देने वाले प्रपोजल को अभी हाल में हुए अकैडमिक काउंसिल की मीटिंग में मंजूर कर लिया। ये भी बता दें कि ये दोनों सर्टिफिकेट कोर्स होंगे। पहले इन कोर्सेज को लेकर लेफ्ट ( वामपंथियों) ने रोड़ा अड़ा रखा था जिस वजह से ये दो बार मंज़ूर नहीं हुए थे ।
प्रोफेसर झा ने जानकारी दी कि इन कोर्सेज को मिलाने के बाद अब सेंटर में एक साल के सर्टिफिकेट वाले चार कोर्स हो जाएंगे, जिनके लिए कोई भी स्टूडेंट्स 12वीं कक्षा के बाद अप्लाई कर सकते हैं।
बताते चलें कि 26 दिसंबर को हुई JNU की ताज़ा मीटिंग में योग और इंडियन कल्चर को लेकर दो नए सर्टिफिकेट कोर्स ‘योग दर्शन’ और ‘वैदिक संस्कृति’ पास कर दिए गए हैं । इन दोनों कोर्सेज के 2018 से शुरू होने की उम्मीद है। यूनिवर्सिटी के स्पेशल सेंटर फॉर संस्कृत स्टडीज ने इनके लिए प्रपोजल दिया था जिसको मंज़ूर कर लिया गया । इस तरह के प्रपोज़ल के लिए राइट विंग की तरफ़ से काफ़ी दिनों से अभियान चलाया जा रहा था जिसमें आख़िरकार सफलता मिल ही गयी ।
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