भारत में पुरुष प्रधान मानसिकता है जबकि वेस्ट में भी ऐसा ही है लेकिन वो लोग समानता के अधिकार का आडम्बर भर करते है! प्राचीन पौराणिक इतिहास में महिला और पुरुष मर्यादा से बंधे हुए थे और दोनों के लिए कुछ नियम कायदे थे जो अब ज्यादातर महिलाओ के लिए ही रह गए है.
पवित्र्रता की आशा सिर्फ महिलाओ से की जाती है पुरुषो से नही,लेकिन कौमार्य भी एक विचित्र शब्द है जिसके अर्थ की पूर्ण व्याख्या नही की गई है.
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