प्रकृति के नियमानुसार हर लड़की को 10-15 वर्ष की आयु के बीच एक बड़े परिवर्तन से गुजरना पड़ता है जिसे मासिक धर्म कहा जाता है। इन दिनों लड़की के अंडाशय हर महिनें एक विकसित डिम्ब(अण्डा) उत्पन्न करना शुरू कर देते हैं। जब अंडा गर्भ में पहुंचता है तब उसका स्तर खून और तरल पदार्थ से मिलकर गाढ़ा होता है। यह मासिक धर्म के रूप में बाहर निकलता है।
इस दौरान लड़कियों को पेट के असहनीय दर्द से गुजरना पड़ता है। अज्ञानतावश हो या फिर शर्म के कारण वह इस समस्या से जूझती रहती हैं। हालांकि इस दर्द से निजात पाने के लिये पेन किलर जैसे कई विकल्प हैं लेकिन इससे होने वाले साइडइफेक्ट के डर से इन दवाओं का उपयोग करने में ज्यादातर महिलायें डरती हैं।
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