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गरमी मे नीम की पत्तियों से होने वाले फायदे....


Image Source: www.onlymyhealth.com
नीम के अर्क में मधुमेह यानी डायबिटिज, बैक्टिरिया और वायरस से लड़ने के गुण पाए जाते हैं। नीम के तने, जड़, छाल और कच्चे फलों में शक्ति-वर्धक और मियादी रोगों से लड़ने का गुण भी पाया जाता है। इसकी छाल खासतौर पर मलेरिया और त्वचा संबंधी रोगों में बहुत उपयोगी होती है। नीम के पत्ते भारत से बाहर 34 देशों को निर्यात किए जाते हैं। इसके पत्तों में मौजूद बैक्टीरिया से लड़ने वाले गुण मुंहासे, छाले, खाज-खुजली, एक्जिमा वगैरह को दूर करने में मदद करते हैं। इसका अर्क मधुमेह, कैंसर, हृदयरोग, हर्पीस, एलर्जी, अल्सर, हिपेटाइटिस (पीलिया) वगैरह के इलाज में भी मदद करता है। नीम का पेड़ अनेक रोगों में फायदेमंद माना गया है। नीम में इतने गुण हैं कि ये कई तरह के रोगों के इलाज में काम आता है। यहाँ तक कि इसको भारत में ‘गांव का दवाखाना’ कहा जाता है। यह अपने औषधीय गुणों की वजह से आयुर्वेदिक मेडिसिन में पिछले चार हजार सालों से भी ज्यादा समय से इस्तेमाल हो रहा है। नीम को संस्कृत में ‘अरिष्ट’ भी कहा जाता है, जिसका मतलब होता है, ‘श्रेष्ठ, पूर्ण और कभी खराब न होने वाला।
1. बैक्टीरिया से लड़ता है नीम
Image Source:isha.sadhguru.org
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दुनिया बैक्टीरिया से भरी पड़ी है। हमारा शरीर बैक्टीरिया से भरा हुआ है। एक सामान्य आकार के शरीर में लगभग दस खरब कोशिकाएँ होती हैं और सौ खरब से भी ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं। आप एक हैं, तो वे दस हैं। आपके भीतर इतने सारे जीव हैं कि आप कल्पना भी नहीं कर सकते। इनमें से ज्यादातर बैक्टीरिया हमारे लिए फायदेमंद होते हैं। इनके बिना हम जिंदा नहीं रह सकते, लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं, जो हमारे लिए मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। अगर आप नीम का सेवन करते हैं, तो वह हानिकारक बैक्टीरिया को आपकी आंतों में ही नष्ट कर देता है। आपके शरीर के भीतर जरूरत से ज्यादा बैक्टीरिया नहीं होने चाहिए। अगर हानिकारक बैक्टीरिया की तादाद ज्यादा हो गई तो आप बुझे-बुझे से रहेंगे, क्योंकि आपकी बहुत-सी ऊर्जा उनसे निपटने में नष्ट हो जाएगी। नीम का तरह-तरह से इस्तेमाल करने से बैक्टीरिया के साथ निपटने में आपके शरीर की ऊर्जा खर्च नहीं होती।
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