स्ट्रेच मार्क्स लंबे घाव के निशान जैसे होते हैं जो कि आमतौर पर पैर, हाथ, पृष्ठ भाग पर तथा छाती एवं पेट में होते हैं। ये निशान सामान्य से ज़्यादा सफ़ेद होते हैं एवं इनके होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ कारण हैं प्रेग्नेंसी, बढ़ती उम्र के साथ मांसपेशियों का विकसित होना तथा वज़न का बढ़ना आदि। किशोरों को अक्सर पैरों में बढ़ते दर्द की शिकायत रहती है जो कि स्ट्रेच मार्क्स में वृद्धि करता हैं। हॉर्मोन में परिवर्तनों की वजह से युवा किशोरों को स्ट्रेच मार्क्स की शिकायत ज़्यादा रहती है। परन्तु इन निशानों से घरेलू विधियों द्वारा ही आसानी से निपटा जा सकता है।
गर्भावस्था के समय महिलाओं के पेट पर ऐसे दाग आ जाते हैं, जिनकी वजह से वे ना तो अपनी पसंद के कपड़े पहन पाती हैं, बल्कि खुद की सुन्दरता को भी दिखा नहीं पाती हैं। गर्भावस्था के अलावा वज़न का अचानक बढ़ना या घटना, बढ़त में तेज़ी, आनुवांशिक कारक, तनाव और शरीर की अवस्था में बदलाव की वजह से भी स्ट्रेच मार्क्स होते हैं। स्ट्रेच मार्क्स त्वचा पर महीन रेखाओं के रूप में दिखते हैं। ये आमतौर पर पेट में होते हैं, पर जाँघों, हाथों के ऊपरी भाग, कूल्हों और अन्य भागों पर भी हो सकते हैं।
हमारी त्वचा परतों में विभक्त है – बाहरी परत, मध्य परत और अंदरूनी परत। स्ट्रेच मार्क्स बीच की परतों में होते हैं जब इन्हें जोड़ने वाली कोशिकाएं खिंचती है। ये मार्क्स आपके आत्मविश्वास को कम करते हैं और आप बार बार अपने मार्क्स के बारे में ही सोचकर परेशान रहती हैं। लेकिन इन्हें कम करने के कई उपाय मौजूद हैं।
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