नई दिल्ली। हमारे हिन्दू धर्म में बहुत सारी प्रथाये प्रचलित है और बहुत सारी प्रथाये भी है जिन्हें हम सालो से मानते आ रहे है. इस सारी पार्थो का हमारे हिन्दू धर्म से बहुत ज्यादा महत्व मन जाता है इसलिए ही हम बिना इनमे कोई बदलाव किये इन्हें निभाते है.हमारे हिन्दू धर्म में शादी में विदाई के बढ़ चावल फेंकने की भी प्रथा है जिसके बारे में आप जानते ही है. लेकिन क्या आप जानते है की इस प्रथा को निभाने के पीछे क्या कारण है. चलिए आज आपको बताते है की इस प्रथा के पीछे क्या कारण है.
क्या इसका कोई वैज्ञानिक कारण है या ये सिर्फ एक रीति ही है। चलिए आपको बताते है इसके बारे में :
पहला कारण- इसका सबसे पहला कारण ये है की ये रोम की बहुत ही पुराणी रीती है. यह ये दर्शाता है कि नवविवाहितों के जीवन में खुशियां आएं और वो हमेशा खुश और सम्पन्न रहें।
दूसरा कारण – वर और वधू को संतान की प्राप्ति हो और उनका भाग्य हमेशा उनका साथ दे और वो हमेशा खुश रहे।
तीसरा कारण – हमारे हिन्दू धर्म में मतलब भारत में चावल और हल्दी को साथ में फेंका जाता है या वधू की झोली में डालने की प्रथा है। माना जाता हैं कि इससे जीवन में समृद्धि आती है और सुख शांति बानी रहती है ।
चौथा कारण –ऐसा नही है की ये प्रथा केवल भारत में ही मानी जाती है बल्कि अन्य देशों में भी चावल को फेंकने की प्रथा को निभाया जाता है। माना जाता हैं कि इससे परिवार में सुख-समृद्धि आती है और घर में सुख शांति बनी रहती है ।
पांचवा कारण –फ्रांस में तो चावल की जगह गेंहू को फेंकने की रसम निभाई जाती है और दम्पत्ति के मंगलमय जीवन की कामना करते है।
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