लखनऊ. यूपी की राजधानी लखनऊ में एक 54 साल युवक अपनी 91 साल की मां के शव के साथ 20 दिन तक रहता रहा। जब अचानक उसके घर रिश्तेदार पहुंचे तो उनको बदबू आने लगी। इसके बाद उन्होंने पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस की पूछताछ में बेटे ने कहा, जिंदगी भर अपनी मां के साथ रहा, अब अकेला कैसे छोड़ देता।
आगे पढ़िए पूरा मामला...मामला हसनगंज के निराला नगर मोहल्ले का है। यहां के निराला नगर केडीएस 6 में मोना जबीन(91) अपने बेटे फिरोज जमाल(54) और बेटी हुमा बेबी खान (42) के साथ रहती थी। मोना जबीन के पति स्व. रहमत खान नगर निगम में इंजीनियर के पद से रिटायर हुए थे और कई साल पहले उनकी मौत हो चुकी है। बेटे फिरोज और बेटी हुमा की शादी अभी तक नहीं हुई है। दोनों ही अपनी मां के साथ रहते थे। शनिवार शाम मोना का कैसरबाग निवासी रिश्तेदार वसीम उससे मिलने पहुंचा और दरवाजा खटखटाया। अंदर जाते ही वसीम को अजीब दुर्गन्ध आई तो उसने पुलिस को जानकारी दी। घटना पर पहुंची पुलिस ने मकान की तलाशी ली तो एक कमरे में बुजुर्ग मोना का शव चारपाई पर पड़ा था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
आगे पढ़िए पूरा मामला...मामला हसनगंज के निराला नगर मोहल्ले का है। यहां के निराला नगर केडीएस 6 में मोना जबीन(91) अपने बेटे फिरोज जमाल(54) और बेटी हुमा बेबी खान (42) के साथ रहती थी। मोना जबीन के पति स्व. रहमत खान नगर निगम में इंजीनियर के पद से रिटायर हुए थे और कई साल पहले उनकी मौत हो चुकी है। बेटे फिरोज और बेटी हुमा की शादी अभी तक नहीं हुई है। दोनों ही अपनी मां के साथ रहते थे। शनिवार शाम मोना का कैसरबाग निवासी रिश्तेदार वसीम उससे मिलने पहुंचा और दरवाजा खटखटाया। अंदर जाते ही वसीम को अजीब दुर्गन्ध आई तो उसने पुलिस को जानकारी दी। घटना पर पहुंची पुलिस ने मकान की तलाशी ली तो एक कमरे में बुजुर्ग मोना का शव चारपाई पर पड़ा था। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
क्या कहना है पड़ोसियों का ?
पड़ोस में रहने वाली महिला ने बताया कि मोना जबीन का परिवार आस-पड़ोस में किसी से संबंध नहीं रखता था। परिवार का कोई सदस्य किसी से बात भी नहीं करता था। अक्सर उनका दरवाजा बंद रहता था। कभी-कभी अंदर से लड़ाई झगड़े और चीखने की आवास सुनाई देती थी। दुध वाले को भी पैसा फेंक कर देते थे।
पड़ोस में रहने वाली महिला ने बताया कि मोना जबीन का परिवार आस-पड़ोस में किसी से संबंध नहीं रखता था। परिवार का कोई सदस्य किसी से बात भी नहीं करता था। अक्सर उनका दरवाजा बंद रहता था। कभी-कभी अंदर से लड़ाई झगड़े और चीखने की आवास सुनाई देती थी। दुध वाले को भी पैसा फेंक कर देते थे।
इमोशनल टच के चलते मां को नहीं दफनाया
पूछताछ में मृतका के बेटे ने बताया कि वह जिंदगी भर अपनी मां के साथ रहा। मां को अकेला कैसे छोड़ देता। मां की मौत हो गई तो उन्हें वह उसी तरह बिस्तर पर लेटा हुआ रोज देखता था। रिश्तेदारों को भी इसलिए नहीं बताया वरना मां को दफना देते।
पूछताछ में मृतका के बेटे ने बताया कि वह जिंदगी भर अपनी मां के साथ रहा। मां को अकेला कैसे छोड़ देता। मां की मौत हो गई तो उन्हें वह उसी तरह बिस्तर पर लेटा हुआ रोज देखता था। रिश्तेदारों को भी इसलिए नहीं बताया वरना मां को दफना देते।
क्या कहना है पुलिस का ?
इंस्पेक्टर हसनगंज विद्या सागर शुक्ला के मुताबिक, मृतका का बेटा मानसिक विक्षिप्त और सनकी किस्म का है। शव को पीएम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
इंस्पेक्टर हसनगंज विद्या सागर शुक्ला के मुताबिक, मृतका का बेटा मानसिक विक्षिप्त और सनकी किस्म का है। शव को पीएम के लिए भेज दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है।
20 दिन तक किसी को नहीं हुआ शक
थाना प्रभारी विद्या सागर शुक्ला के मुताबिक, शव लगभग 20 से 25 दिन पुराना है। ऐसे में एक बड़ा सवाल बन जाता है की आखिर 20 दिन तक किसी को शव की बदबू क्यों नही लगी।
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