
उत्तर प्रदेश में पिछले दिनों में बूचड़खाने बंद कराए गए है| सरकार का कहना है कि वो ‘अवैध’ रूप से चलाए जा रहे थे| लेकिन हम आपको बता दें की बूचड़खानों का ज़िक्र आने पर जो लोग जहाँ यह मानते है कि इस पेशे में केवल एक ख़ास मज़हब और वर्ग के लोग ही काम करते हैं. तो हम आपको बता दें की यह बात बिलकुल गलत है क्योंकि केंद्र सरकार के वाणिज्य मंत्रालय की संस्था कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (अपेडा) से मंजूर देश के 74 बूचड़खानों में से 9 के मालिक हिंदू हैं|
जब इन सभी कंपनियों के मालिकों से इस अवैध धंधे के बारे में बात की गयी तो उनका कहना था की “धर्म निहायत ही निजी चीज है और इसका व्यवसाय से कोई ताल्लुक नहीं होना चाहिए.”वो कहते हैं, “मैं हिंदू हूं और बीफ़ व्यवसाय में हूं तो क्या हो गया? किसी हिंदू के इस व्यवसाय में होने में कोई बुराई नहीं है. मैं यह व्यवसाय कर कोई बुरा हिंदू नहीं बन गया.”
आपको बता दें हमारे देश में हिंदुओं की कुछ ऐसी भी कई कंपनियां हैं, जो सिर्फ बीफ़ निर्यात के क्षेत्र में हैं. उनका बूचड़खाना नहीं है, पर वे मांस प्रसंस्करण, पैकेजिंग कर एक्सपोर्ट करते हैं|
जानें वो नाम:
- अल कबीर
- अरेबियन एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लमिटेड
- एमकेआर फ़्रोज़न फ़ूड एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड
- एबट कोल्ड स्टोरेजेज़ प्राइवेट लिमिटेड
- अल नूर एक्सपोर्ट्स
- एओवी एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड
- स्टैंडर्ड फ़्रोज़न फ़ूड्स एक्सपोर्ट्स प्राइवेट लिमिटेड
- पोन्ने प्रोडक्ट्सएक्सपोर्ट्स
- अश्विनी एग्रो एक्सपोर्ट्स
- महाराष्ट्र फ़ूड्स प्रोसेसिंग
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जहाँ एक ओर इस मुद्दे को लेकर यूपी और भारत में इतनी बड़ी बहेस छाई हुई है वहीँ इस व्यवसाय को करने वाले मालिकों का कहना है की हम लोग हिंदू-मुसलमान के बीच भेदभाव नहीं करते है, साथ ही कहना है की दोनों धर्मों के लोग मिलजुल कर काम कर रहे हैं| साथ ही बूचड़खानों के बंद किये जानें पर इन मालिकों का कहना है की इस मसले में हिंदू-मुसलमान दोनों का ही नुक़सान होना है|
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