
नई दिल्ली(30 मार्च): संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की एम्बेसडर निक्की हेली ने कहा है कि महिला होने की वजह से उनकी मां को भारत में जज नहीं बनने दिया गया।
- निक्की हेली ने फॉरेन रिलेशन काउंसिल की एक मीटिंग में महिलाओं की भूमिका से जुड़े एक सवाल पर यह कहा।
- यह मीटिंग बुधवार को हुई। इस दौरान निक्की हेली ने कहा, "मेरी मां लॉ स्कूल जाने के काबिल थीं और वह भारत की पहली फीमेल जजों में से एक हो सकती थीं, लेकिन महिला होने के नाते उन्हें उस जगह पहुंचने की इजाजत नहीं मिली।"
- "लेकिन उनके (मां) लिए अपनी बेटी को साउथ कैरोलिना की गवर्नर और फिर यूएन में अमेरिका की एम्बेसडर के तौर पर देखना अमेजिंग है।"
- निक्की हेली के पेरेंट्स अजीत सिंह और राज कौर रंधावा 1960 में भारत से अमेरिका गए थे। लेकिन इससे बीस साल पहले ही अन्ना चांडी त्रावणकोर में आजाद भारत की पहली महिला जज बन गई थीं। चांडी 1948 में प्रमोट होकर डिस्ट्रिक्ट जज बनी थीं। 1959 में वे हाईकोर्ट की जज भी बनीं।
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