बड़ी खबर : NIA की बड़ी कामयाबी आंतकियो को पैसा देने वाली जम्मू-कश्मीर की पांच कंपनियों का पता चला !
कश्मीर के हालात किसी से नहीं छुपे हैं,आए दिन वहां कश्मीरी भारतीय सेना के जवानों के ऊपर पत्थर बरसाते हुए नजर आते हैं,जब सेना पर ये पत्थर बरसाते हैं तो कोई उसका विरोध नहीं करता लेकिन जब मोदी सरकार सेना के जवानों को खुली छुट देती है इन पत्थर मारने वालों को सबक सिखाने के लिए,और सेना इन पर करवाई करती है,तो कुछ राजनितिक पार्टियाँ और सेक्युलर सेना का विरोध करने आगे आ जाती हैं.
जम्मू-कश्मीर में आतंक फैलाने के मकसद से नियंत्रण रेखा पर होने वाले ट्रेड फंड को लेकर नैशनल इन्वेस्टिगेशन एजेन्सी को राज्य की पांच कंपनियों के हिजबुल-मुजाहिदीन से लिंक होने का पता चला है।राष्ट्रिय सुरक्षा एजेंसी की ये अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी है.
टाइम्स ऑफ इंडिया न्यूज़ के मुताबिक साल 2008 से LoC पर भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले व्यापार से जुड़ीं करीब 300 कंपनियों के व्यापारियों की जांच में पांच कंपनियों के ट्रांजैक्शन संदिग्ध पाए गए। हालांकि NIA अधिकारियों ने इन कंपनियों के नाम बताने से इनकार कर दिया।
ये कंपनियां पाकिस्तान के कुछ लोगों की कंपनियों के अदला-बदली व्यापार से जुड़ी हैं। और अब कहा जा रहा है कि इन पाकिस्तानी कंपनियों पर कैलिफॉर्निया के बादाम के निर्यात को लेकर जम्मू-कश्मीर स्थित सलामाबाद और चक्कन-दा-बाग सेंटर्स में चालान किया गया था।
इन चालानों से भारतीय कंपनियों को अप्रत्याशित मुनाफा मिला और अब ये कंपनियां जांच के दायरे में हैं क्योंकि मुनाफे में मिले पैसों का बड़ा हिस्सा ‘आतंकी गतिविधियों’ में इस्तेमाल हुआ। NIA को शक है कि पिछले साल जुलाई में बुरहान वानी की मौत के बाद घाटी में बड़े प्रदर्शन करने और हिंसा फैलाने के उद्देश्य से कई करोड़ रुपये हिजुबल के सदस्यों और अलगाववादी तत्वों को दिए गए।
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