लेखक चेतन भगत को भला कौन नहीं जानता? हर मुद्दे पर अपनी राय रखने में सबसे तत्पर चेतन भगत से शायद ही कोई ऐसा मुद्दा छूटता हो जिसने देश और दुनिया में सुर्खियाँ बटोरी हो| ऐसे में कई बार राय रखने के चक्कर में ऐसा भी देखा गया है कि चेतन भगत ने अपने बड़बोलेपन से लोगों की भावनाओं को भी ठेस पहुंचा दी हैं|
अब भला ऐसे में जब बात आई राम मंदिर मामले की तो भला यहाँ भी कैसे ही चुप रह सकते थे चेतन भगत| यहाँ हम आपको याद दिला दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक बयान में कहा था कि, “राम मंदिर का मुद्दा दोनों पक्ष इस मामले को कोर्ट के बाहर सुलझा लें तो ठीक रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह धर्म और आस्था से जुड़ा मामला है इसलिए इसको कोर्ट के बाहर सुलझा लेना चाहिए। अपने इसी बयान में कोर्ट ने इसपर सभी पक्षों को आपस में बैठकर बातचीत करने के लिए भी कहा था।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला के लोगों ने बढ़चढ़ कर स्वागत भी किया| कोर्ट के इसी बयान को लेकर लेखक चेतन भगत ने अयोध्या जमीन विवाद के मामले पर अपनी राय रखते हुए कहा कि
चेतन भगत ने अयोध्या जमीन विवाद के मामले पर अपनी राय रखते हुए वहां मंदिर बनाने का समर्थन किया। चेतन भगत ने 22 मार्च को ट्वीट किया था, “मैं शांतिपूर्वक ढंग से पूर्ण रूप से अयोध्या में राम मंदिर बनने का सपोर्ट करता हूं, यह बड़ा ही बेहूदा है कि हिंदुओं की जानी-मानी जगह पर एक मंदिर बनाने के लिए भीख मांगनी पड़ रही है।”
चेतन के इस ट्वीट पर मिले-जुले रिएक्शन आए। हालांकि, चेतन का समर्थन करने वाले काफी कम लोग थे जबकि उनके विचार और इस ट्वीट का विरोध करने वालों की संख्या ज्यादा थी। इस ट्वीट के बाद ट्विटर पर लोग चेतन भगत को तरह-तरह की सलाह भी देने लगे। किसी ने कहा कि वहां पर मंदिर-मस्जिद की जगह एक स्कूल बनाना चाहिए। वहीं दूसरे ने लिखा कि अयोध्या की विवादित जगह पर हॉस्पिटल बना देना चाहिए।
इसके अलावा कुछ लोगों ने तो चेतन भगत को ‘भक्त’ की कैटगरी में भी रख दिया। एक ने यह भी लिखा कि चेतन भगत ऐसा राज्य सभा में सीट पाने के लिए कर रहे हैं ताकि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की नजरों में आ जाएं। कुछ ने यह भी कहा कि वहां मंदिर और मस्जिद दोनों का ही शांति से निर्माण करवा देना चाहिए।
चेतन भगत पहले भी अपने ट्वीट्स को लेकर चर्चा में रहते हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजे आने के बाद भी चेतन भगत ने ट्वीट किया था। तब चेतन ने कई सारे ट्वीट किए थे।
अब भला ऐसे में जब बात आई राम मंदिर मामले की तो भला यहाँ भी कैसे ही चुप रह सकते थे चेतन भगत| यहाँ हम आपको याद दिला दें कि हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक बयान में कहा था कि, “राम मंदिर का मुद्दा दोनों पक्ष इस मामले को कोर्ट के बाहर सुलझा लें तो ठीक रहेगा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह धर्म और आस्था से जुड़ा मामला है इसलिए इसको कोर्ट के बाहर सुलझा लेना चाहिए। अपने इसी बयान में कोर्ट ने इसपर सभी पक्षों को आपस में बैठकर बातचीत करने के लिए भी कहा था।
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसला के लोगों ने बढ़चढ़ कर स्वागत भी किया| कोर्ट के इसी बयान को लेकर लेखक चेतन भगत ने अयोध्या जमीन विवाद के मामले पर अपनी राय रखते हुए कहा कि
चेतन भगत ने अयोध्या जमीन विवाद के मामले पर अपनी राय रखते हुए वहां मंदिर बनाने का समर्थन किया। चेतन भगत ने 22 मार्च को ट्वीट किया था, “मैं शांतिपूर्वक ढंग से पूर्ण रूप से अयोध्या में राम मंदिर बनने का सपोर्ट करता हूं, यह बड़ा ही बेहूदा है कि हिंदुओं की जानी-मानी जगह पर एक मंदिर बनाने के लिए भीख मांगनी पड़ रही है।”
चेतन के इस ट्वीट पर मिले-जुले रिएक्शन आए। हालांकि, चेतन का समर्थन करने वाले काफी कम लोग थे जबकि उनके विचार और इस ट्वीट का विरोध करने वालों की संख्या ज्यादा थी। इस ट्वीट के बाद ट्विटर पर लोग चेतन भगत को तरह-तरह की सलाह भी देने लगे। किसी ने कहा कि वहां पर मंदिर-मस्जिद की जगह एक स्कूल बनाना चाहिए। वहीं दूसरे ने लिखा कि अयोध्या की विवादित जगह पर हॉस्पिटल बना देना चाहिए।
इसके अलावा कुछ लोगों ने तो चेतन भगत को ‘भक्त’ की कैटगरी में भी रख दिया। एक ने यह भी लिखा कि चेतन भगत ऐसा राज्य सभा में सीट पाने के लिए कर रहे हैं ताकि बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह की नजरों में आ जाएं। कुछ ने यह भी कहा कि वहां मंदिर और मस्जिद दोनों का ही शांति से निर्माण करवा देना चाहिए।
चेतन भगत पहले भी अपने ट्वीट्स को लेकर चर्चा में रहते हैं। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के नतीजे आने के बाद भी चेतन भगत ने ट्वीट किया था। तब चेतन ने कई सारे ट्वीट किए थे।
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