
मुस्लिम महिलाओं की सबसे बड़ी समस्या है तीन तलाक और हलाला
तीन तलाक और हलाला से मुक्ति पाने के लिए मुस्लिम महिलाएं सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची और 2016 में तीन तलाक और हलाला की चर्चा देश में शुरू हुई
जिसके बाद देश के अधिकतर लोगों ने जाना की मुस्लिम महिलाओं का किस प्रकार उनके समाज में शोषण होता है, अब यूपी में बीजेपी जीती है, और बताया जाता है की मुस्लिम महिलाओं ने बीजेपी को वोट दिया
केंद्र में पहले से मोदी सरकार है, जो तीन तलाक को ख़त्म करने के संकेत दे चुकी है
ऐसे में मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक और हलाला को बचाने के लिए
नया हलफनामा दिया है, और तीन तलाक और हलाला के बचाव के लिए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अल्लाह, ,कुरान, मुहम्मद सबका इस्तेमाल कर लिया है, और अपने पुराने स्टैंड से मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड बिलकुल पलट चूका है
पहले मुल्ला मौलवियों का कहना था की, कुरान में तीन तलाक और हलाला नहीं है
पर अब मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सुप्रीम कोर्ट ने कहा है की, तीन तलाक और हलाला कुरआन और अल्लाह के आदेश के हिसाब से है, और पैगम्बर के रास्ते पर चलकर इसे लागू किया गया है
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने ये भी कहा है की तीन तलाक और हलाला ख़त्म हुआ तो ऐसा ही होगा जैसे कुरान को फिर से लिखा जाये, और ऐसे में तीन तलाक और हलाला ख़त्म हुआ तो इस्लाम ख़त्म हो जायेगा
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने साफ़ कर दिया की तीन तलाक और हलाला अल्लाह के आदेश पर हो रहा है
और इसे अल्लाह ने कुरान में लिखा है, और उस कुरान को फिर मोहम्मद को दिया फिर दुनिया वालो को मिला
मुस्लिम पर्सनल लॉ बार्ड ने तीन तलाक और हलाला को इस्लाम का अहम् हिस्सा बताया है
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड का कहना है की, तीन तलाक और हलाला को ख़त्म करना यानि इस्लाम पर हमला करना है
आपको बता दें की मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने आज जो हलफनामा दिया है, उसमे उसके दोगलेपन को साफ़ देखा जा सकता है, चूँकि तीन तलाक और हलाला को तो कई मुस्लिम देश ख़त्म कर चुके है
यहाँ तक की पाकिस्तान भी तीन तलाक और हलाला को ख़त्म कर चूका है
साफ़ है की तीन तलाक और हलाला इस्लाम का अहम् हिस्सा नहीं है और इसे ख़त्म करना इस्लाम पर हमला जैसा कुछ नहीं है
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड तीन तलाक और हलाला को बचाने के लिए झूठ का सहारा ले रहा है
चूँकि ये लोग महिलाओं का बराबर आगे भी शोषण करते रहना चाहते है
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