
या तो उन्हें क़ानून की परिधि से बाहर रहने की आदत पड़ चुकी थी या उन्हें कोई ऐसा करने के लिए प्रेरित कर रहा , यद्द्पि ये विषय पुलिस की जांच का है परंतु धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना उन्हें किस प्रकार से शोभा दे रहा ये समझ से परे है.
इकबाल हुसैन , जावेद , मुहम्मद एहमद आदि ने कुछ ऐसा ही किया . योगी सरकार के कत्लखाने बंद करने के आदेश का विरोध भी ऐसा जिसमे किसी जानवर का कत्ल कर के उसका मांस परिंदों को खिलाने की घोषणा की गयी. और उनोने ऐसा किया भी .
मांस के टुकड़े हवा में उछाले गए जिस से सड़क मांस के लोथड़ों से पट गयी. मांस से पटी वो सड़क हिंदुओं के धार्मिक स्थल माँ काली के मंदिर की तरफ जाती थी जिसके कारण नवरात्र के पवित्र समय में हिन्दू वहां दर्शन करने नहीं जा पा रहा था.
फिर पुलिस ने दिखाना शुरू किया क़ानून का असली चेहरा. चौकी इंचार्ज परवीन सिंह ने थाना मुगलपुरा में इकबाल हुसैन , जावेद , मुहम्मद एहमद , बबलू , वारिश, अबुल व् मंसूर के साथ 60 अन्य अज्ञात के खिलाफ धारा 153 A / 147 / 188 व् 7 क्रिमिनल एक्ट के ततः तत्काल मामला दर्ज किया. भीड़ को तीतर बितर किया .
दूसरे पक्ष के लोगों को समझ बुझा कर शांत करवाया और फिर 6 को गिरफ्तार कर के थाने ले आई. रात भर समुदाय विशेष के तमाम लोग थाने पहुच कर उनको अपने पद, रुतबे , पहुच आदि का हवाला दे कर छोड़ने का दबाव बनाते रहे पर जब पुलिस के तेवर कसने लगे तो कोई पैरवी करने वाला थाने में नहीं दिखा और सब के सब भाग खड़े हुए .. पुलिस का कहना है कि क़ानून के हिसाब से सबका हिसाब किया जाएगा . एक एक वांछित की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की जायेगी.
गिरफ्तार इन सभी में से इकबाल हुसैन ने 3 दिन पहले बूचड़खाने बंद होने के विरोध में पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर प्रदर्शन किया था जिसमे भारत के प्रधानमंत्री मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ बेहद आपत्तिजनक नारे लगाए थे . पुलिस इन सभी मामलों को एक में जोड़ कर विवेचना कर रही है.
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