लखनऊ: शपथग्रहण के बाद यूपी में योगी सरकार का आज तीसरा दिन है. सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हुई हैं कि देश के सबसे बडे राज्य के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी क्या क्या करंगे. वैसे शपथग्रहण के बाद से ही योगी की सरकार एक्शन में दिख रही है. कल अफसरों के साथ बैठक में योगी ने साफ कर दिया कि कानून व्यवस्था बिगड़ने पर अफसर जिम्मेदार ठहराए जाएंगे.
यूपी के बड़े अधिकारियों के साथ बैठक में सभी अधिकारियों को बीजेपी (भारतीय जनता पार्टी) का घोषणा पत्र दे दिया गया और उस पर काम करने का फरमान सुनाया गया. सरकार बनने के साथ ही योगी ने तभी भ्रष्टाचार पर वार के संकेत दे दिए थे जब उन्होंने सभी मंत्रियों से पंद्रह दिन के अंदर संपत्ति का ब्योरा मांगा था. अब इस लिस्ट में सरकारी अधिकारियों को भी शामिल कर लिया गया है.
कानून व्यवस्था वो मुद्दा है जिसको लेकर चुनाव के मैदान में बीजेपी ने अखिलेश की सरकार पर खूब प्रहार किया था. अब सरकार बनने के बाद बारी कार्रवाई की है और इसको योगी सरकार ने अपने एजेंडे में बड़ी प्राथमिकता दी है.
पहले सीएम आदित्यनाथ ने यूपी के डीजीपी जावीद अहमद से मुलाकात की और उसके बाद डीजीपी और गृह सचिव ने पुलिस और प्रशासन के बड़े अधिकारियों के साथ बैठक की. कानून व्यवस्था के अलावा स्वच्छता अभियान को लेकर भी आदित्यनाथ कोई कोताही नहीं बरतना चाहते. इसकी झलक कल तब देखने को मिली जब उन्होंने सभी अधिकारियों को स्वच्छता की शपथ दिलाई. मुख्यमंत्री योगी ने अधिकारियों को साफ निर्देश दिए हैं कि दिसंबर तक राज्य के तीस जिले खुले में शौच से मुक्त होने चाहिए.
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