सरकारी गेस्ट हाउस में मुफ्तखोरी नेताओं पर भारी पड़ गई है. राजस्थान हाईकोर्ट ने इस मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए कांग्रेस के जयपुर के पूर्व सांसद महेश जोशी और पूर्व केन्द्रीय मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह पर राज्य और राज्य के बाहर किसी भी सरकारी गेस्ट हाउस में रुकने और सुविधा देने पर पाबंदी लगाई है.
कांग्रेस के कद्दावर नेता और राहुल गांधी के बेहद नजदीकी भंवर जीतेन्द्र सिंह पर दिल्ली के राजस्थान हाउस के 35 लाख और महेश जोशी पर 9 लाख रुपये बकाया है. इन दोनों पर आरोप है कि इन्होने कांग्रेस के गहलोत सरकार के दौरान पांच साल तक अपने नाम से दिल्ली के राजस्थान हाउस में कमरा बुक करवाया लेकिन राजस्थान हाउस के कई बार नोटिस दिए जाने के बावजूद पैसे नहीं जमा करवा रहे हैं.
हालांकि इस लिस्ट में करीब 10 लोगों का नाम है जिनके कम पैसे हैं और वो पैसे जमा करवाने के लिए राजी हो गए हैं, मगर पूर्व सांसद महेश जोशी अपने ऊपर नौ लाख रुपये के बकाए को गलत बताते हुए कहा कि इस मामले को आगे चुनौती दी जाएगी. हालांकि जोशी ने बताया की इस इस मामले में वो न ही सीधे तौर पर पार्टी है और न ही उनको पार्लियामेंट की तरफ़ से कोई नोटिस मिला है.
जोशी ने कहा, 'इस स्टेट गेस्ट हाउस में अगर बक़ाया है तो राज्य सरकार को पहले बताना चाहिए था, मुझसे एक बार पूछना चाहिए था, कोर्ट में सरकार ने सही ढंग से दलील नहीं दी. हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत करता हूं. जो भी न्यायसंगत होगा उसे पूरा किया जाएगा.'
दूसरी तरफ, पूर्व मंत्री भंवर जितेंद्र सिंह ने कहा है कि वो कभी राजस्थान हाउस में नहीं रहे. अलवर राजघराने के पूर्व महराजा का कहना है कि उनका मकान दिल्ली में है तो भला वो राजस्थान हाउस में क्यों रुकेंगे. भंवर जितेंद्र सिंह ने राज्य सरकार के बकाया निकालने के रवैये को राजनीतिक रुप से गलत बताया.
राजस्थान हाउस के सूत्रों के अनुसार भंवर जितेंद्र सिंह ने पांच साल तक अपने कार्यकर्ताओं के लिए दिल्ली में राजस्थान हाउस में कमरा बुक करवा रखा था. सरकार का पैसा नही भरने पर नेताओं के खिलाफ कोर्ट के इस कड़े फैसले से सरकारी गेस्ट हाउसों की मुफ्तखोरी पर रोक लग सकती है.
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