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योगी आदित्‍यनाथ जी के मुख्यमंत्री बनते ही ‘औकात’ में आये आजम खान, झुका घमंडी का सर !


उत्तर प्रदेश की नवगठित सरकार के मुख्यमंत्री पद की शपथ ले कर अपनी कैबिनेट के साथ यूपी सरकार का कामकाज संभाल चुके हैं योगी आदित्यानाथ जी ने विरोधियों की नींद हराम कर दी है . उनके सीएम बनते ही उनके विरोधियों के सुर में भी बदलाव आना शुरू हो गया है. 

जो नेता योगी पर उनकी कार्यशैली या छवि पर निशाना साधते हुए तीखी बयानबाजी किया करते थे अब धीरे -धीरे  उनके सुर बदलते दिखाई दे रहे हैं. जिनमे से सबसे पहला मामला सपा के वरिष्‍ठ नेता और मुस्लिम कट्टरवादी छवि रखने वाले आजम खान के योगी जी के प्रति उनके ह्रदय परिवर्तन को लेकर देखा गया है.

दरअसल कुछ पत्रकार योगी जी के सीएम बनने को लेकर आजम खान की राय जानना चाहते थे. पत्रकारों को उनसे कुछ सनसनी जैसे धमाकेदार बयान की उम्मीद थी लेकिन आजम का बयान सुनकर पत्रकार भी हैरानी से उनकी ओर देखते रह गए. आजम ने कहा कि लोकतंत्र में जो जीतता है वहीं सिकंदर कहलाता है इसलिए योगी जी के बारे में फिलहाल मेरी यही राय है. 

पत्रकारों को उम्मीद थी कि आजम खान भाजपा पर भगवाकरण या अन्य किसी तरह का आरोप लगाएंगे और उन्हें मसालेदार खबर मिल जायेगी लेकिन इसके ठीक उलट आजम नरम स्वर में बोले कि लोकतंत्र में जनता के फैसलों का सम्मान होना चाहिए. किसे सीएम बनाना है, किसे डिप्टी सीएम बनाना है ये जीतने वाली पार्टी का अंदरूनी मामला है.

इस तरह से बेहद शांत अंदाज में आजम ने कहा कि इस बारे में उनकी ओर से कोई राय देना ठीक नहीं होगा. उन्होंने कहा हिन्दू धर्म में भगवा कपड़ों का एक अलग स्थान है  इस बारे में उनकी और से किसी तरह की राय देना ठीक नहीं होगा. उन्होंने कहा कि इस बारे में उलेमा काउंसिल राय दें, अहमद बुखारी राय दें या एआईएमआईएम प्रमुख असददुद्दीन ओवैसी राय दें तो ज्यादा ठीक रहेगा. 

वहीँ सोशल मीडिया पर लोगों का कहना है कि हमेशा अपने विवादित बयानों के कारण सुर्ख़ियों में रहने वाले आजम खान की ओर से ऐसा बयान साफ़ दर्शाता है कि सत्ता परिवर्तन कैसे किसी का भी घमंड नीचे उतार देती है. 

खैर यूपी में अब सत्‍ता परिवर्तन के साथ ही आजम समेत कई नेताओं के सुर बदल गए हैं. गौरतलब है कि रविवार को सीएम पद की शपथ लेकर योगी यूपी के 21वें मुख्‍यमंत्री बन चुके हैं. और योगी जी अपनी छवि के तहत काम भी करते जा रहे हैं.
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