भाजपा का ये कदम साल 2019 के दौरान होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए पूर्वी राज्यों में अपनी पैठ मजबूत करने के नजरिए से देखा जा रहा है।
नई दिल्ली, जेएनएन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ओडिशा में 15-16 अप्रैल को होने वाली भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान पाइका क्रांति से जुड़े 16 परिवारों के सदस्यों को सम्मानित करेंगे। भाजपा नेताओं की मानें तो पीएम मोदी का इन परिवारों से मिलने का फैसला राज्य में पार्टी को और मजबूत बनाना है।
भाजपा का ये कदम साल 2019 के दौरान होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए पूर्वी राज्यों में अपनी पैठ मजबूत करने के नजरिए से देखा जा रहा है। केंद्रीय मंत्री और ओडिशा राज्य से आने वाले धर्मेंद्र प्रधान कहते हैं 'इन राज्यों में हम अपनी सीटों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं।'
20 सालों में भाजपा यहां पहली बार दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक करने जा रही है। इस बैठक में 2019 के में राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा होगी। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह भी कुछ दिनों में यहां बूथ लेवल मीटिंग करने वाले हैं। माना जाता है कि राज्य में भाजपा कार्यकारिणी की बैठक से पडो़सी राज्यों पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश में भी इसका प्रभाव पड़ेगा।
बता दें, 21 लोकसभा सीटों वाले ओडिशा में भाजपा के पास सिर्फ एक सांसद है। जबकि बाकी 20 सांसद बीजू जनता दल के हैं।
क्या है पाइका विद्रोह
ओडिशा की पाइका समुदाय के लोगों ने 1817 से 1825 के दौरान बक्सी जगबंधू के नेतृत्व में 400 लोगों ने ब्रिटिश सरकार के विरोध में मार्च किया था। कहा जाता है 1857 में स्वतंत्रता संग्राम से पहले औपनिवेशक शासन के खिलाफ ये बड़ा विद्रोह था। हालांकि, इस आंदोलन को एक तरीके से भुला दिया गया।
ओडिशा के खोर्दा जिले में अंग्रेज व्यापारी बड़े पैमाने पर स्थानीय लोगों का शोषण किया करते थे। ब्रिटिश शासन के खिलाफ खोर्दा के लोग समय-समय पर विद्रोह करते रहे। लेकिन, ब्रिटिश शासकों ने इन विद्रोहों को बुरी तरह से कुचल दिया। पाइका आंदोलन के बारे में भारत के पूर्व न्यायाधीश रहे जस्टिस रंगनाथ मिश्रा के पिता ने विस्तार से लिखा था। जिसमें पाइक समुदाय के लोगों पर ब्रिटिश अत्याचार की पूरी कहानी केंद्रित थी।
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