
नई दिल्ली: अज़ान कंट्रोवर्सी में फंसे बॉलीवुड के जाने माने सिंगर सोनू निगम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके इस मामले पर सफाई दी है. सोनू निगम ने कहा है कि उन्होंने अज़ान पर नहीं बल्कि लाउडस्पीकर पर सवाल उठाया था. साथ ही इस सिंगर ने ये भी साफ कर दिया है कि ऐसा बयान उन्होंने सिर्फ मस्जिदों में होने वाले लाउडस्पीकर के इस्तेमाल की वजह से नहीं बल्कि मंदिर और गुरूद्वारे के लिए भी दिया है. सोनू निगम ने कहा है कि वो सभी धर्मों का सम्मान करते हैं. आपको यहां बता रहे हैं कि सोनू निगम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में क्या-क्या कहा है.
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- मैंने अज़ान पर नहीं लाउडस्पीकर पर सवाल उठाया था. मैं नहीं चाहता कि कोई मेरी बात को गलत तरीके से ले इसलिए मैंने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है.
- मैं मुस्लिम विरोधी नहीं हूं, बयान को गलत ढंग से पेश किया गया है. मेरी राय यही है कि चाहें मंदिर हो, गुरूद्वारा हो या फिर मस्जिद हो वहां पर लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं होना चाहिए.
- आप अमेरिका बनना चाहते हैं, आप ऑस्ट्रेलिया बनना चाहते हैं लेकिन वहां ऐसा नहीं होता. हर कोई कहता है कि आपको अपनी बात कहने का हक है तो ये मेरी राय है. लाउडस्पीकर धर्म का हिस्सा नहीं है. मेरे हिसाब से इसका इस्तेमाल करना गुंडागर्दी है
- कोई अपने धर्म के नाम पर दादागिरी दिखाता है, लोग धर्म के नाम पर चरस पीकर नाच रहे होते हैं. ये दादागिरी नहीं है? जो लोग इसे समझ रहे हैं कि उसे इस मुद्दे को सही तरीके से पेश करना चाहिए. आपके बच्चे भी इसी माहौल में बड़े होने वाले हैं.
- मैं ये नहीं मानता कि हमारा धर्म सबसे अच्छा है. मैं सारे धर्मों का सम्मान करता हूं. मुझे धर्म में विश्वास है. मैं मंदिर और गुरूद्वारे हर जगह जाता हूं. जब किसी मंदिर या मस्जिद पर लाउडस्पीकर लगाया जाता है तो वहां ये बताने की कोशिश की जाती है कि देखों यहां पर ये है. मेरे हिसाब से ये गुंडागर्दी है.
- मैं अपने आपको सेक्युलर समझता हूं. मैं ना तो राइट विंग हूं और ना ही लेफ्ट विंग हूं. मैं जानता हूं कि मुझ जैसे लोगों की तादाद कम है. मैं जो कह रहा हूं वो आप लोगों को सही तरीके से पेश करना चाहिए. मेरे हिसाब से धर्म के नाम पर शोर मचाना गुंडागर्दी है.
- कुछ गलती हुई तो मुझे माफ की जिएगा. मैंने ये बात सिर्फ समाजिक तौर पर कही है ना कि धार्मिक तौर पर. मुझे अपनी राय रखने का पूरा हक है. अगर कोई मुझसे सहमत नहीं है तो उसे कहने का भी एक तरीका है.
क्या है पूरा विवाद
आपको बता दें कि सोमवार सुबह सोनू निगम ने ट्वीट किया था, ‘मैं मुस्लिम नहीं हूं लेकिन रोज सुबह मुझे अजान की आवाज से उठना पड़ता है.’ उन्होंने आगे लिखा था, ‘आखिर कब भारत से ये जबरन धार्मिक भावना थोपना खत्म होगा? वैसे जब मोहम्मद ने इस्लाम बनाया था तब बिजली नहीं थी.’ सोनू निगम ने ये भी कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि कोई मंदिर या गुरुद्वारा बिजली का इस्तेमाल उन लोगों को जगाने के लिए करते हैं जो उस धर्म का पालन नहीं करते. तो फिर ऐसा क्यों? गुंडागर्दी है बस.’
उनके इस बयान के बाद से ही बहस हो रही है. बॉलीवुड से एक्टर पूजा भट्ट, एजाज़ खान, सपा नेता आज़मा खान, अबु आजमी जैसी हस्तियों ने उनका विरोध किया है तो वहीं कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने उनके बयान का समर्थन किया है.
इसके बाद से ही सोशल मीडिया पर इसे लेकर बहस शुरू हो गई है. यहां लोग दो हिस्सों में बट गए हैं कोई इस सिंगर की बात को सही बता रहा है तो कोई उसकी आलोचना कर रहा है.
इस पर मचे बवाल के बाद कल फिर सोनू निगम ने ट्वीट किया और कहा कि वो अपनी बात पर कायम हैं. सोनू निगम ने ट्विटर पर लिखा, ‘मैं अपने बयान पर कायम हूं कि मस्जिद और मंदिर में लाउडस्पीकर प्रयोग करने की इजाज़त नहीं होनी चाहिए.’
यहां आपको बता दें कि ये मामला इतना बढ़ गया है कि इस सिंगर के खिलाफ फतवा भी जारी हो गया है. वेस्ट बंगाल माइनॉरिटी यूनाइटेड काउंसिल के उपाध्यक्ष सैयद साह अतेफ अली अल कादरी ने कहा है कि यदि कोई व्यक्ति सोनू निगम का सिर मुंडवाएगा, फटे जूतों की माला पहनाएगा और पूरे देश में घुमाएगा तो वे उसे अपने पास से 10 लाख रुपए का इनाम देंगे. इस पर सोनू निगम ने ट्वीट करके पूछा है कि ये गुंडागर्दी नहीं है तो फिर क्या है…
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