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गांधी-नेहरू खानदान ने कभी देश के लिए काम नहीं किया, सिर्फ अपने लिए किया
ये चीज इस बात से भी साबित होती है की, जिन लोगों ने देश की एकता और अखंण्डता में योगदान दिया उनको कभी सम्मान नहीं दिया गया
पर गांधी-नेहरू खानदान के लोगों ने देश को बर्बाद किया, उसके बाद भी उनको भरपूर सम्मान दिया गया
कहावत ही बन गयी थी की, भारत की सेना जमीन पर युद्ध जीतती है पर भारत टेबल पर सबकुछ हार जाता है
1971 में हमारे सैनिको ने पाकिस्तान के 95 हज़ार से अधिक सैनिको को बंदी बनाया था
भारत चाहता तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर इन सैनिको के बदले मांग सकता था, पाकिस्तान की स्तिथि बहुत ही दयनीय थी पर इंदिरा नेहरू/खान/गाँधी ने पाकिस्तान को सारे सैनिक वापस कर दिए
और भारत को कुछ नहीं मिला
और नेहरू ने भारत के साथ क्या क्या किया
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् की सीट चीन को दे दी, परमाणु ताकत बनने का ऑफर भी ठुकरा दिया
भारत में हथियार के कारखाने बंद करवा दिए, 1962 में चीन ने मानसरोवर पर कब्जा कर लिया, इसी नेहरू ने 1948 में भारतीय सेना को गिलगित जाने से रोक दिया, और पाकिस्तान ने POK बनाया हुआ है
वहीँ सरदार पटेल ने सैंकड़ो रियासतों को भारत में मिलवाया, भारत को 1 देश बनाया
पटेल न होते तो ये नेहरू तो आधे बचे कश्मीर को भी पाकिस्तान में मिलवा देता, और कई अन्य छोटे छोटे इस्लामिक राष्ट्र जैसे की "हैदराबाद निज़ाम" इत्यादि भारत में रह जाते
अब आप देखिये सम्मान के मामले में क्या हुआ
सरदार पटेल की मृत्यु हुई 1950 में परंतु उनको भारत रत्न बड़े ही दवाब में कांग्रेस ने 1991 में दिया
कांग्रेस कभी पटेल का सम्मान करना ही नहीं चाहती थी
वहीँ अब देखिये, नेहरू की मृत्यु हुई 1964 में पर महाशय ने खुद को ही भारत रत्न से सम्मानित कर दिया 1955 में ही, वहीँ इंदिरा नेहरू/खान/गाँधी की मौत हुई 1984 में परंतु मैडम ने खुद को ही भारत रत्न से सम्मानित कर दिया 1971 में ही
देख सकते है आप, इस कांग्रेस ने देश के लिए नहीं सिर्फ अपने लिए काम किया
अपने को महान बनाने में लगे रहे, पर अब इन लोगों की बख्खिया एक एक कर लोग उधेड़ ही रहे है, और धीरे धीरे इस खानदान की असलियत भी देश दुनिया के सामने आ ही रही है
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