मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी को लखनऊ कैंपस के लिए जल्द ही जमीन मिल सकती है. विश्वविद्यालय के कुलपति, जफर सरेशवाला ने पिछले सप्ताह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की और परिसर के लिए जगह उपलब्ध कराने का अनुरोध किया. कहा जाता है कि मुख्यमंत्री ने सकारात्मक जवाब दिया है.
इस प्रीमियर सेंट्रल उर्दू यूनिवर्सिटी के समूचे देश में 11 कैंपस हैं लेकिन यूपी में फिलहाल कोई कैंपस नहीं है. सरेशवाला एक बड़े व्यवसायी हैं. गुजरात में बीएमडब्लू के एक मात्र डीलर हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कट्टर समर्थक हैं.
उर्दू भाषा को बढ़ावा देने के लिए 1998 में स्थापित किए गए मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के कुलपति के तौर पर जफर सरेशवाला की नियुक्ति 2015 में हुई. मुलाकात के बाद सरेशवाला ने समाचार चैनल न्यूज18 को बताया कि राज्य के मदरसों के आधुनिकीकरण और उत्तर प्रदेश मदरसा तालीमी बोर्ड को मजबूती प्रदान करवाने के बारे में सीएम साहब से बात हुई.
यूपी में 48,000 हजार मदरसे हैं जो सरकार से आर्थिक सहायता प्राप्त करते हैं लेकिन कई प्रयासों क बाद भी इन मदरसों की जमीनी हकीकत बहुत नहीं बदली है.
योगी आदित्यनाथ ने मई के तीसरे सप्ताह में आयोजित होने वाले तालिम-ओ-तरबियत कार्यक्रम में में मुख्य वक्ता होने पर भी अपनी समहमती दे दी है. यह एक ऐसा कार्यक्रम है जिसे सरेशवाला देशभर में आयोजित करते हैं और इस माध्यम से अल्पसंख्यक समुदाय में पढ़ाई-लिखाई के जरूरत का प्रचार-प्रसार करते हैं.
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