विशेषकर कश्मीर के कई युवकों की इंटरनेट के विभिन्न माध्यमों से सीरिया, तुर्की, इराक और खाड़ी देशों में कई लोगों से संवाद में बढ़ोतरी हुई है।
श्रीनगर। कश्मीर घाटी में आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आइएसआइएस) कुछ इलाकों में नजर आने वाले झंडों तक ही सीमित नहीं है। सुरक्षा एजेंसियों के मुताबिक संगठन ने वादी में ही नहीं राज्य के अन्य हिस्सों में भी अपने पांव जमाने की कोशिशें तेज कर दी हैं।
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गौरतलब है कि दैनिक जागरण ने मई 2014 में कश्मीर में आइएसआइएस की आहट का खुलासा किया था। इसके बाद वादी में कई बार आइएस के झंडे भी निकले। श्रीनगर के एक युवक के आइएस में शामिल होने की पुष्टि भी हुई। करीब दो साल पहले दुबई से गांदरबल के एक युवक को आइएस के साथ संबंधों के आरोप में निष्कासित किया गया। यह युवक फिलहाल नई दिल्ली की जेल में है और उसके आइएस से रिश्तों की पुष्टि हो चुकी है। खुफिया एजेंसियों के अनुसार जम्मू-कश्मीर विशेषकर कश्मीर के कई युवकों की इंटरनेट के विभिन्न माध्यमों से सीरिया, तुर्की, इराक और खाड़ी देशों में कई लोगों से संवाद में बढ़ोतरी हुई है। यह संवाद पिछले वर्ष से ज्यादा हो रहा है। इस बात को नहीं नकारा जा सकता कि इनमें से कई के तार आइएस हैंडलर से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि नेट चैट के जरिये कई युवकों ने ईराक और सीरिया में बैठे आइएस के हैंडलर्स से संपर्क बनाने का प्रयास किया है।
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इसके अलावा जिस तरह पिछले वर्ष हिज्ब आतंकी बुरहान ने अपनी मौत से कुछ दिन पहले खिलाफत की बात की और उसके उत्तराधिकारी ने इस्लामिक राज की बात की है, वह भी साबित करती है कि यह लोग कहीं न कहीं उससे जुड़े हैं। पिछले माह करीमाबाद पुलवामा में हिज्ब आतंकी की कब्र पर आए दो नकाबपोश आतंकियों ने वहां जमा लोगों से तालिबान व आइएस को समर्थन करने, उनके बताए तौर-तरीकों को अपनाने और पाक के खिलाफ नारेबाजी न करने की ताकीद की थी।
इन आतंकियों ने अपने भाषण में साफ कर दिया कि वह इस्लामिक राज की बहाली के लिए जिहाद की राह पर हैं। इस घटना के बाद से पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ, कश्मीर में सक्रिय आतंकियों के साझा संगठन यूनाईटेड जिहाद कौंसिल और हिज्ब में खूब हलचल हुई है, क्योंकि यह उनके लिए भी खतरे की घंटी है।
राज्य पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि आतंकियों का इस्लामिक राज की बात करना और पाकिस्तान के खिलाफ बोलना साबित करता है कि कश्मीर में आतंकवाद अब इस्लामिक आंदोलन का हिस्सा बनता जा रहा है।
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