# गणेश स्थापना के 11वें दिन अनंत चतुर्दशी को प्रतिमाओं का विसर्जन करना शास्त्र सम्मत है, क्योंकि पूर्णिमा से पितृ पक्ष शुरू होता है जो अमावस्या तक चलता है। पितृ पक्ष के दौरान घर-घर में मृत आत्माओं की शांति पूजा की जाती है इसलिए पितृ पक्ष में भगवान की प्रतिमा का विसर्जन नहीं करना चाहिए।
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# गणेश मंदिर के पुजारी कहते हैं कि शास्त्रीय मान्यता के अनुसार पितृ पक्ष के 16 दिन तक मृत आत्माओं यानी पितरों को पूजने का विधान है। जिस तिथि को पारिवारिक सदस्य की मृत्यु होती है उस तिथि पर पितरों को जल अर्पण करना और उनके निमित्त ब्राह्मणों को भोजन कराने की परंपरा है इसलिए इस दौरान भगवान की प्रतिमा विसर्जित न किया जाए।
# सभी चतुर्दशियों में भादो शुक्ल चतुर्दशी तिथि को सर्वश्रेष्ठ माना गया है, गणेश चतुर्थी को गणेश स्थापना से लेकर विधिविधान से पूजा-अर्चना करके चतुर्दशी तिथि को पवित्र नदियों में ससम्मान प्रतिमा विसर्जित कर भगवान को बिदाई दी जाए तो मनवांछित फल की प्राप्ति होती है।
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गणेश-विसर्जन का मुहूर्त
- 15 सितंबर 2016 गुरूवार प्रातः 06.14 मि. से 07.45 मि. तक (शुभ)
- प्रातः 10.48 मि. से दोपहर. 12.19 मि. तक (चर)
- दोपहर: 12.20 मि. से 01.50 मि. तक (लाभ)
- दोपहर: 04.52 मि. से सायं: 06.24 मि. तक (शुभ)
- सायं: 06.25 मि. से 07.53 मि. तक (अमृत)
- सायं: 07.54 मि. से रात्रि 09.21 मि. तक रहेगा।
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