
मान्यता है कि श्रीराम ने इस जगह तपस्या की थी. श्रीराम ने रावण के वध के बाद यहीं पर ब्रह्म हत्या का पाप धोया. भगवान परशुराम के प्रकोप से क्षत्रियों को यहां जीवनदान मिला. गोरखनाथ, गुरुनानक भी इस मंदिर में दर्शन कर चुके है. इस मंदिर में साक्षात देवी माँ का सर मौजूद है. मान्यता है कि मंदिर के एक कुंड में हर रोज देवी माँ आती है. गुफा के अंदर बना है देवी माँ शक्तिपीठ. कहते है कि झूठ बोलने वाला गुफा में ही फंस जाता है. पाकिस्तान में हिंगलाज मंदिर को नानी के मंदिर या नानी का हज के नाम से जाना जाता है. पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है हिंगलाज मंदिर. 51 शक्तिपीठ में से एक हिंगलाज शक्तिपीठ है. हिंगलाज मंदिर में माता सती का सिर गिरा था.

देवी माँ की प्रसिद्ध गुफा को ना जाने कितनी बार ध्वस्त करने की कोशिश की गयी, इस मंदिर को कई बार उखाड़ फ़ेकने की कोशिश हुई लेकिन मंदिर की नीव नहीं हिली. देवी माँ के इस मंदिर के कायल हिन्दुओं के साथ साथ मुस्लिम भी है. इस मंदिर में उपासना का एक अलग ही महत्व है. श्रद्धा के साथ जो इस मंदिर के द्वार पर पहुँचता है वो खाली हाथ नहीं लौटता है.
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