
बता दें कि क्रिश्चियन मिशेल के इन नोट्स को इटली की पुलिस ने जब्त किया था और बाद में इन्हें CBI को सौंप दिया गया . जिससे पता चलता है कि अगस्ता वेस्टलैंड की कंपनी फिनमैक्केनिका ने 3600 करोड़ रुपये की इस डील में लगभग 373 करोड़ रुपये का बजट केवल भारत में डील को रिश्वत देने के लिए रखे थे . दरअसल ये घूस भारत में उन्हें दी जानी थी जिनके पास डील से जुड़े फैसले लेने की ताकत थी .
मिशेल ने एक चिट्ठी में लिखा गया था कि ‘वीआईपी के पीछे ड्राईविंग फोर्स तो श्रीमती गांधी हैं . वह आगे से Mi-8 में उड़ान नहीं भरेंगी . बता दें कि इसमें कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के प्रमुख सलाहकार , प्रधानमंत्री मनमोहन सिह और अहमद पटेल का जिक्र भी किया था . मिशेल ने अलग से एक परिवार के लिए 1.5 से 1.6 करोड़ यूरो का इंतजाम करने के लिए भी कहा था और ‘AP’ के लिए 30 लाख यूरो रखने की बात कही लेकिन मिशेल ने ये साफ नहीं किया कि यह परिवार है कौन और ‘AP’ कौन है ? डायरियों में जिस ‘AP’ के बारे में बताया है वो अहमद पटेल के बारे में है भी या नहीं, ये भी अस्पष्ट ही रहा है .मिशेल की डायरियों से खुलासा होता है कि करीबन 60 लाख यूरो भारतीय वायुसेना के अधिकारियों , 84 लाख यूरो नौकरशाहों और 1.5 से लेकर 1.6 करोड़ यूरो एक राजनीतिक परिवार को दिए गए .
इस खुलासे के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा है इस मामले में कार्रवाई करने से सरकार पूरी तरह से स्वतंत्र है . उन्होंने कहा कि जो भी कार्रवाई की गई है वो यूपीए के कार्यकाल में हुई जिसमें इनमें कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की प्रकिया शुरू करने से लेकर जब्तियां तक शामिल हैं . उन्होंने सवाल किया कि अब ये सब क्यों किया जा रहा है . ढाई साल तक ये सरकार क्या कर रही थी ? बता दें कि 3,600 करोड़ रुपए के इस सौदे पर यूपीए सरकार ने 2010 में दस्तखत किए थे परन्तु रिश्वत की बातें सामने आने पर बाद में यह डील रद्द कर दी थी . उस समय एयरफोर्स चीफ रहे एसपी त्यागी सहित 13 लोगों पर केस दर्ज किया गया था .
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