
फोर्ब्स के अनुसार मौजूदा करेंसी रेट के हिसाब से भारत की जीडीपी 2.25 लाख करोड़ डॉलर यानि करीब 153 लाख करोड़ रुपये है और वर्तमान में ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था का आकार 2.31 लाख करोड़ डॉलर यानि 156 लाख करोड़ रुपये है . भारत की जीडीपी अभी इंग्लैंड से 3 लाख करोड़ रुपये (1.9%) कम रह गई है . माना जा रहा है कि जीडीपी के मामले में भारत साल 2020 तक ब्रिटेन को पछाड़ देगा लेकिन पिछले 25 वर्षों के दौरान भारत की तीव्र विकास दर के साथ अब यह लक्ष्य 2017 में ही मुमकिन होता दिख रहा है .
दरअसल ,वक्त वर्ल्ड बैंक की रैंकिंग में ब्रिटेन दुनिया की 5वीं और भारत 7वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है . भारत ने 1947 से लेकर वर्ष 1991 तक ब्रिटेन के लगभग समान दर से जीडीपी विकास दर्ज की. वहीं 1991 में वैश्वीकरण अपनाने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था की रफ्तार ब्रिटेन के मुकाबले तेज हो गयी है .
जहाँ भारत का विकास तेजी से हो रहा है. तो वहीं यूरोपियन यूनियन से अलग होने के बाद इंग्लैंड काफी कमजोर हो गया है . एक अनुमान के अनुसार यदि भारतीय अर्थवस्था 7% की दर से बढ़ती है तो अगले साल के अंत तक जीडीपी 2.40 लाख करोड़ डॉलर हो जाएगी और वर्ल्ड बैंक का मानना है कि ब्रिटेन की विकास दर 1-2% रहेगी. इनके अनुसार अगर ब्रिटिश अर्थव्यवस्था 2% की दर से बढ़ती है फिर 2017 के अंत तक उसका आकार 2.35 लाख करोड़ डॉलर का होगा जो भारत के जीडीपी से .05 लाख डॉलर कम होगा .
बता दें कि परचेजिंग पॉवर पैरिटी की आईएमएफ की रैंकिंग में भारत तीसरे स्थान पर है. इस रैंकिंग में चीन पहले और अमेरिका दूसरे नंबर पर हैं और ब्रिटेन नोवें स्थान पर है.
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