
यूपी चुनाव का बिगुल बज चुका है, हिंदुओं के लिए स्वाभिमान से जीने का अंतिम मौका है।
बंगाल, बिहार और दिल्ली वाली गलती दुबारा मत करना।
याद करो मुलायम, अखिलेश , मायावती के अत्याचार।
मुलायम, अखिलेश , मायावती के सारे मुसलमान योजनाओं को जिससे हिन्दू वंचित रहे।
सारे सेकुलरिज्म नाम वाली घोषणाएं भी
खासकर वो, कारसेवकों पे गोली चलवानी वाली
खासकर वो, सिर्फ मुस्लिम बेटियां ही हमारी बेटियां है, ब्राह्मणों की मदद न करो
खासकर वो, जब मौलवियों को सैलरी देने की घोषणा हुई, और मंदिरों से लाऊड स्पीकर तक उतारे गए
खासकर वो, जब महिला सुरक्षा की जगह पुलिस भैंस खोजी..
लड़कियों से रेप में लड़कों से गलती हो जाती है जैसी घिनोनी बयानबाजी
मुलायम के राय से सेना की सर्जिकल स्ट्राइक से लेकर
अखिलेश ज्ञान - कालाधन अर्थवयवस्था के लिये जरुरी है तक
मुस्लिम DSP मरा तो मुवावजा ही मुवावजा, हिन्दू इंस्पेक्टर मरा तो 5 लाख
और गौहत्यारे अख़लाक़ के गौमांस भक्षी परिवार को लाखो का धन और फ्लैट ही फ्लैट
हज हाउस 1300 करोड़ का, और हिन्दुओ के कुम्भ का अध्य्क्ष बना आज़म खान
समाजवाद के नाम नमाजवाद और परिवारवाद गढ़ने की हर कहानी याद करो और सबको बताओ
क्योंकि हमें, वोटरो के मानसिकता को नैतिकता की आइना दिखानी है
चलो यूपी चुनाव की तैयारी करे ।।
ये करो या मरो की स्तिथि है और हमे मरना नहीं बल्कि करना है, और इतिहास हमेशा करने वालो को याद रखता है, मरने वालो को नहीं, क्योंकि इतिहास भी अपने मुताबिक करने वाले ही लिखते और लिखवाते है
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