नई दिल्ली। दरअसल, हजारों साल पहले जितने भी सांप होते थे, उनके चार पैर हुआ करते थे। लेकिन धीरे-धीरे उनके पैर खत्म हो गए। वैज्ञानिक इस रहस्य को पता लगाने में जुटे हैं। बताया जाता है कि इंग्लैंड की यूनिवर्सिटी ऑफ पोर्ट्समाउथ के प्रोफेसर डॉ. डेव मार्टिल को चार पैरों वाले सांप का जीवाश्म मिला है, जिससे ये कयास लगाए जा रहे हैं कि बहुत जल्द ही इनका रहस्य पूरी दुनिया के सामने आ सकता है।
मार्टिल को ये जीवाश्म जर्मनी के एक म्यूजियम सोलनहोफेन में मिला है। 11 करोड़ साल पहले इस तरह के सांप ब्राजील में पाए जाते थे। इनके पैर कैसे गायब हुए, वैज्ञानिक इसका पता लगाएंगे।
मार्टिन के टीम के सदस्यों ने इस सांप को टेट्रापोडोफिस एम्प्लेक्टस नाम दिया है। प्रोफेसर मार्टिल ने बताया कि पहली नजर में इस सांप के जीवाश्म को देखकर कहा जा सकता है कि ये छिपकली से विकसित हुए हैं। इनका स्वरूप भी छिपकली जैसा था, लेकिन धीरे-धीरे इनमें बदलाव आते चले गए। हालांकि, इनमें कब और क्यों बदलाव आया, इसका पता लगाना होगा।
उनके मुताबिक, इस जीवाश्म से एक बात क्लियर हो गई कि सांपों का विकास बिल में रहने वाली छिपकलियों से हुआ है न कि समुद्री छिपकलियों से। डॉ. मार्टिल ने बताया कि जर्मनी के म्यूजियम सोलनहोफेन में छात्रों के साथ रुटीन फिल्ड ट्रिप के दौरान ये जीवाश्म मिला। उन्होंने कहा कि इस म्यूजियम में कई जीवाश्म हैं, जो काफी प्राचीन हैं।
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