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देखिये प्राचीन तकनीक से ऐसे बनता है यहां इत्र जिस कारण इसे इत्रों का शहर कहा जाता है जानिए....

नई दिल्ली। क्या कभी आपने इत्रों के शहर के बारे में सुना है। बहुत ही कम लोग ही इस बारे में जानते हैं, लेकिन भारत में एक ऐसी जगह भी है जिसे इत्रों का शहर या परफ्यूम सिटी ऑफ़ इंडिया कहते हैं। इत्र बनने की प्रक्रिया को देखने हर साल यहां बड़ी तादाद में टूरिस्ट आते हैं। 


जानिए कहां है ये जगह...
हम बात कर रहे हैं इत्रों के शहर कन्नौज की, जो उत्तरप्रदेश में है। गंगा तट पर बसा कन्नौज हर्षवर्धन के साम्राज्य की राजधानी हुआ करता था। तब से लेकर आज तक इत्रों के इस शहर ने इत्र बनाने की प्राचीन कला को सहेज कर रखा हुआ है।
250 से ज्यादा हैं इत्रघर
कन्नौज में 250 से ज्यादा इत्रघर हैं, जिनमें से कई टूट-फूट रहे हैं। पहली नजर में ऐसा लगता है कि पूरा कन्नौज किसी-न-किसी रूप में इत्र बनाने के काम में लगा हुआ है। यहां जब आप जाएंगे तो आपको लोग ताजे तोड़े गए फूलों की छंटाई करते, सही माप में पानी और तेल मिलाते, खास तापमान तय करते और अर्क इकट्ठा करते लोग नज़र आएंगे।
मुगलों से जुड़ा है इतिहास
ऐसा बताया जाता है कि इत्र भारत में मुगलों के समय आया। उस वक्त मुगल बादशाहों के लिए मिडिल ईस्ट से आया करता था। बाद यह कन्नौज में बनाया जाने लगा। यहां के जैसमिन, खस, कस्तूरी,चन्दन, मिट्टी अत्तर बेहद मशहूर हैं। ये इत्र यूएसए, यूके, दुबई, सऊदी अरब, फ्रांस, ओमान, सिंगापुर समेत कई देशों में एक्सपोर्ट होते हैं।
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