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मोदी के वादे, यूपी के सुनहरे सपने और योगी की राह के कांटे...

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19 मार्च की दोपहर यूपी में योगी आदित्यनाथ की सरकार का शपथ ग्रहण हुआ. वहां मोदी समेत बीजेपी के कई सीनियर लीडर मौजूद थे. कुछ घंटे बाद पीएम ट्वीट करते हैं- 'उत्तर प्रदेश के विकास से देश का विकास होगा. विकास हमारा मूलमंत्र और मकसद है और यूपी के विकास में नई टीम कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी.' यूपी के लोगों को भविष्य का सुनहरा सपना दिखाने वाले मोदी के इसी पोस्ट पर बीजेपी का पूरा यूपी प्लान टिका हुआ है. बीजेपी इसी मंत्र को 2019 के चुनावी रण का बेस भी बनाने वाली है. आखिर क्या है इसके मायने? आखिर कैसे पूरा करेंगे इसे सीएम योगी?
1. वक्त कम-चुनौतियां हजार
यूपी की चुनावी जंग में अपना परचम लहराने वाली बीजेपी के लिए आगे की राह और कठिन होने वाली है. 2014 के लोकसभा चुनाव में 80 में से 73 और 2017 के विधानसभा चुनाव में 403 में 325 सीटें जीतने वाली बीजेपी अब राज्य की सत्ता पर काबिज है. मोदी मैजिक से प्रचंड बहुमत पाने वाली बीजेपी ने गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ पर अपना दांव खेला है. चुनाव के दौरान खुद पीएम मोदी ने यूपी में प्रचार की कमान संभाली और अपने भरोसे पर लोगों से बदलाव के लिए वोट देने की अपील की. लोगों ने पूरा भरोसा दिखाया और दो-तिहाई से भी ज्यादा बहुमत दे दिया. अब बारी बीजेपी की है जिसे यूपी में सिर्फ काम ही बचा सकती है. वक्त दो साल से भी कम है और चुनौतियां हजार हैं.
2. कैसे यूपी बनेगा देश के विकास का इंजन?
यूपी में नई सरकार के सत्ता संभालते ही पीएम मोदी ने प्रदेश सरकार के लिए रोडमैप पेश कर दिया. पीएम ने कहा- विकास हमारा मूलमंत्र और मकसद है और उत्तर प्रदेश के विकास से देश का विकास होगा. अब योगी सरकार को परफॉर्म करना है. उत्तर प्रदेश की आबादी 22 करोड़ है यानी देश की आबादी की 16 फीसदी, लेकिन जीडीपी में हिस्सा सिर्फ 12 फीसदी है. प्रति व्यक्ति आय में यूपी 31वें नंबर पर हैं. यूपी में 30 फीसदी गरीब हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर ये आंकड़ा 22 फीसदी है. जानकारों के मुताबिक अगर यूपी में विकास होता है, तो देश की विकास दर एक फीसदी बढ़ जाएगी. लिहाजा मोदी सरकार को उत्तर प्रदेश को विशेष महत्व देना होगा.
3. घरों से कैसे सुरक्षित निकलेंगी बेटियां?
चुनाव प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने अखिलेश सरकार पर कानून-व्यवस्था को लेकर सीधी चोट की. मोदी बराबर कहते रहे कि अखिलेश सरकार में कानून-व्यवस्था की हालत एकदम ध्वस्त है. बेटियां शाम में घर से निकलने से डरती हैं और बीजेपी अगर सत्ता में आई तो थानों को सपा कार्यालय से वापस पुलिस थानों में तब्दील किया जाएगा. अब सरकार बीजेपी की है और चुनौतियां भी बीजेपी की. योगी सरकार के सत्ता संभालने के पहले दिन ही इलाहाबाद में बीसएपी के एक नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गई. हाल में यूपी की राजधानी लखनऊ से ISIS के आतंकी का एनकाउंटर हुआ और प्रदेश के कई इलाकों से संदिग्ध आतंकी पकड़े गए. अब आतकंवाद से निपटने की चुनौती भी नई सरकार पर होगी.
4. किसानों के चेहरे पर मुस्कराहट लाने की चुनौती
जौनपुर में 4 मार्च की रैली में पीएम मोदी ने कहा कि होली के बाद नई सरकार बनेगी और सरकार बनने के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग में किसानों की कर्जमाफी का फैसला लिया जाएगा. अब सरकार बन गई है और यूपी के लाखों किसान फैसले का इंतजार कर रहे हैं. इस बीच बीते शुक्रवार को खबर आई थी कि प्रधानमंत्री मोदी के वादे को पूरा करने की कवायद शुरू हो गई है. केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि उत्तर प्रदेश में नई भाजपा सरकार राज्य के किसानों का कर्ज माफ करेगी और कर्ज माफी का बोझ केंद्र सरकार उठाएगी. चुनौती यहीं खत्म नहीं होती. अगर यूपी में सरकार ये फैसला लेती है तो बाकी राज्यों में भी इसकी मांग उठेगी. बाकी दल इस मांग को जोर-शोर से उठाएंगे और 2019 के चुनाव में ये मुद्दा बड़ा बन सकता है. दूसरी ओर एसबीआई की प्रमुख किसानों की कर्ज माफी के फैसले पर सवाल उठाती दिखती हैं.
5. हिंदुत्व के एजेंडे पर कितनी मुश्किलें
बिना एक भी मुस्लिम कैंडिडेट के यूपी के चुनावी समर में उतरी बीजेपी ने सरकार में आते ही एक मुस्लिम मंत्री को कैबिनेट में जगह दी. योगी के चयन को विश्लेषकों ने मोदी के श्मसान बनाम रमजान बयान का एक्सटेंशन बताया. खुद योगी अपने चुनावी रैलियों में कैरान, लव जेहाद जैसे मुद्दों को प्रमुखता से उठाते रहे हैं. राम मंदिर के मुद्दे को योगी मुद्दा नहीं भावनात्मक मामला बताते हैं. अब योगी सत्ता में हैं और उन्हें बीजेपी के इन सारे वादों पर खरा उतरना है. बहुमत की उनके पास कमी नहीं केंद्र में बी भरपूर और राज्य में भी भरपूर बहुमत. यानी अब जनता के सामने कोई बहाना नहीं चलेगा. अवैध बूचड़खानों को बंद करने का वादा, एंटी रोमिया स्कवॉड बनाने का वादा ये सब योगी की राह के कांटे हैं जिन्हें ना वो छोड़ सकते हैं ना ही पूरा करना इतना आसान है. तीन तलाक के मामले को भी बीजेपी नेता ओर खुद योगी आदित्यनाथ प्रमुखता से उठाते रहे हैं. अब क्या करेंगे इसपर सबकी नजर होगी.
6. लैपटॉप, फ्री डेटा से लैस नौजवान?
यूपी के चुनावी रण में अखिलेश यादव जहां स्टूडेंट्स को लैपटॉप और टैबलेट बांटकर एक पारी खेल चुके हैं वहीं इस बार बीजेपी छात्रों को लैपटॉप के साथ 1 जीबी फ्री डेटा देने का वादा कर सत्ता में आई है. अब ये चुनौती भी नई सरकार के सामने होगी. अखिलेश यादव ने लगातार दावा किया है कि उन्होंने 15 लाख से ज्यादा लैपटॉप बांटे हैं. इस आंकड़े की बराबरी करना बीजेपी के लिए चुनौती होगी. हालांकि बीजेपी का आरोप था कि अखिलेश सरकार ने भेदभाव के आधार पर लैपटॉप बांटे थे और वह बिना भेदभाव के साथ लैपटॉप वितरण करेगी.
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