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MCD चुनाव :यूपी-महाराष्ट्र फॉर्मूले की वजह से कटे बीजेपी के मौजूदा पार्षदों के टिकट...

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पहले महाराष्ट्र के नगर निकाय चुनाव में और फिर यूपी में जीत की आंधी के बाज बीजेपी दिल्ली में अपने इस विजय रथ को रुकने नहीं देना चाहती. यही वजह है कि दिल्ली में बीजेपी ने एमसीडी चुनाव में अपने सभी मौजूदा पार्षदों के टिकट काटने का ऐलान कर दिया है. अब खबरें ऐसी आ रही है कि बीजेपी हाल में बीजेपी के भीतर शामिल होने वालों के भी टिकट काटने से नहीं हिचकेगी. हालांकि उम्मीदवारी के लिए जीतने की गारंटी पहली शर्त होगी.
बीजेपी के गलियारों में यह चर्चा जोरों पर है और ये बात मौजूदा पार्षदों के टिकट कटने के बाद उपजे गुस्से में आग के भीतर घी डालने का काम कर रही है. हालांकि पार्टी अपने फैसले पर अडिग है. बीजेपी दिल्ली के अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दो टूक कह दिया है कि पार्टी अब अपने फैसले से नहीं डिगेगी. मतलब मौजूदा पार्षदों के टिकट मिलने की संभावना पर पूरी तरह से विराम लग गया है.
अब रही बात यूपी और महाराष्ट्र में बाहरी लोगों को टिकट दिए जाने की बात है तो तिवारी ने इशारों ही इशारों में पूरी कहानी बयां कर दी. मनोज तिवारी के मुताबिक टिकट के लिए जीत की गारंटी ही एक मात्र शर्त है. बीजेपी इस बार एमसीडी के चुनाव में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाहती.
मौजूदा पार्षदों का एक ग्रुप दिल्ली के सभी सांसदों और बड़े नेताओं के दरवाजों पर दस्तक दे चुका है. टिकट काटने के फैसले पर पुनर्विचार की गुहार लगा चुका है. बीजेपी सांसद प्रवेश वर्मा के मुताबिक पार्षदों की नाराजगी वे समझ सकते हैं लेकिन पार्टी का यह फैसला भी रणनीति के तहत लिया गया है. वर्मा ने कहा कि कई नए लोग पार्टी में आ रहे हैं. दूसरी पार्टियों से भी अच्छे लोगों को पार्टी में लाया जा रहा है. इसके अलावा पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी मौका देने की बात हो रही है. वे ऐसी स्थिति में मौजूदा पार्षदों को पार्टी के हित का खयाल खकर फैसला मानने की बात कहते हैं.
गौरतलब है कि दिल्ली बीजेपी के पास गुरुवार तक 33,500 से अधिक अर्जियां आ चुकी हैं. ये सभी उम्मीदवार बीजेपी के बैनर तले एमसीडी चुनाव लड़ने की इच्छा रखते हैं. ऐसे में बीजेपी में टिकट बंटवारे को लेकर घमासान तय बात मानी जा रही है.
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