सात समंदर पर मैं तेरे ....... ये गाना शायद ही आज भी कोई शादी ब्याह हो जिसमे बजता न हो .. उसी गाने की अदाकारा थी दिव्या भारती जो असमय ही दुनिया से विदा हो गयी थी .
एक के बाद एक 12 हिट फिल्मे देने के बाद सफलता की ऊंचाइयों को पर चढ़ रही दिव्या भारती की अचानक हुई मौत ने एक बार देशवासियो को झकझोर कर रख दिया था. तमाम लोगों ने उस समय दिव्या भारती को अपने अपने अंदाज़ में श्रधांजलि दी थी.
पर दिव्या भारती के जीवन के कुछ अनछुए पहलू भी थे जिन्हें शायद ही कोई जानता रहा हो . उन अनछुए पहलू में सबसे बड़ा था अपनी मौत के कुछ समय पहले इस्लाम कबूल करना
जानते हैं पूरा मामला- दिव्या भारती की आकस्मिक मौत के पीछे कई- 2 बातें चली , कई कई तर्क दिए गए . कुछ के हिसाब से यह आत्महत्या थी तो कुछ ने एक्सीडेंट तो कुछ ने पति को जिम्मेदार बताया।
उन तमाम अटकलों में एक अटकल ये भी थी कि उनसे शादी कर के उन्हें हिन्दू से मुलमान बनाने वाले , शादी से पहले खुद को भोला भाला और मासूम दिखाने वाले साजिद के अंडरवर्ल्ड से रिश्ते थे और ये वजह दिव्या को काफी परेशान करती थी .
साज़िद की माँ मतलब दिव्या की सास ने भी उसे कभी नहीं स्वीकारा इस प्रकार रिश्तों को बनाते बनाते रिश्तों से हार चुकी दिव्या ने मौत चुनी . मंत्रियों की भैंस कुछ घण्टों में खोज कर लाने वाली पुलिस कई सालों तक ना जाने क्यों इसकी असली वजह दुनिया के सामने ना ला पाई या किसी दबाव ने उन्हें उलझाये रखा ये पता नहीं चल पाया पर मामला ठंडा होने पर 1998 में ये केस बंद कर दिया गया .
एक बार सोचने वाली बात ये है कि जिसे आत्महत्या करना होगा वो अपनी मौत से कुछ ही समय पहले नया फ़्लैट क्यों खरीदेगा ? जिसकी डील अंतिम स्टेज में हो . फ़्लैट खरीदने की खुशखबरी वो अपने भाई अर्थात कुणाल से क्यों बताएगा ?
वो आत्महत्या क्यों करेगी जो शूटिंग खत्म कर के चेन्नई से लौटी हो .. उस मनहूस रात के करीब 10 के आसपास समय रहा होगा पश्चिम अंधेरी में तुलसी अपार्टमेंट के पांचवें तल पर उनके घर में उनकी डिज़ाइनर मित्र नीता अपने पति के साथ उनसे मिलने आई हुई थीं।
तीनो लिविंग रूम में बैठे बातों में व्यस्त थे, साथ में शराब आदि का दौर भी चल रहा था , उनके साथ दिव्या की नौकरानी अमृता भी मौजूद थी । सब कुछ सही चल रहा था , किसी को भी दिव्या के चेहरे पर शिकन भी नहीं लग रही थी . फिर रात के करीब 11 बजे ।
दिव्या की नौकरानी अमृता किचन में कुछ काम करने गईं, उधर दिव्या की मित्र नीता अपने पति के साथ टीवी देखने में व्यस्त थीं। दिव्या के लिविंग रूम में कोई बालकनी नहीं थी एक ऐसी खिड़की थी जिसमें ग्रिल नहीं थी और उस खिड़की के नीचे पार्किंग की जगह थी जहां अकसर खई गाड़ियां खड़ी रहती थीं।
फिर कहा जाता है कि दिव्या किसी से लैंड लाईन फोन पर बात करने लगी जिसके बाद उनके चेहरे पर अचानक ही तनाव दिखने लगा . फिर एक दर्द भरी चीख निकली और दिव्या भारती सदा के लिए खामोश हो गयी .
5 साल तक जांच करने के बावजूद पुलिस ना जाने क्यों किसी ठोस वजह पर नहीं पहुच सकी और पुलिस ने रिपोर्ट में नशे में बालकनी से गिरने को ही कारण बता कर इस फ़ाइल को बंद कर दिया . पर असल में ये गुत्थी आजतक सुलझ नहीं पाई है कि दिव्या की मौत - हत्या थी या आत्महत्या ?
यहाँ आप के लिए जानना बेहद जरूरी है कि दिव्या भारती से निकाह कर के साज़िद ने उन्हें नया नाम दिया था - सना . साजिद से दिव्या भारती को मिलवाने का काम किया था कभी कांग्रेस से सांसद रहे तथाकथित स्टार गोविंदा ने जिसके बाद दोनों ने शादी तक के फैसले ले लिए थे .
और अंत में दिव्या की शादी साज़िद से 10 मई 1992 में कर ली और एक साल के अंदर ही 5 अप्रैल 1993 में दिव्या उर्फ़ सना रहस्यमय ढंग से मौत के मुह में चली गयी .
इस घटना का सबसे चौंकाने वाला पहलू ये है कि दिव्या उस सना की मौत के बाद साज़िद ने जिस लड़की वर्धा खान से शादी की उस से मुलाक़ात साज़िद की दिव्या भारती की बरसी पर हुई थी . बताया जाता है कि वर्धा खान को साज़िद से मिलवाने वाली दिव्या उर्फ़ सना ही थी . आज दिव्या को सना बनाने वाले साज़िद के वर्धा से 2 बेटे भी हैं जिनके नाम सूफियान और सुभान हैं .
ऊपर की सच्ची कहानी अपने आप में ही समझदार के लिए इशारे की तरह है . दिव्या जी आप जहां भी हो , जिस रूप में हो , आपको दैनिक भारत की तरफ से श्रद्धांजलि.
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