आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद और उसके कश्मीर ऑपरेशन के इंचार्ज जकी-उर-रहमान लखवी के बीच फूट पड़ने की खबरें आ रही हैं. भारतीय खुफिया एजेंसी ने कश्मीर में हिंसा को लेकर दोनों के बीच अनबन की जानकारी दी है.
'हिन्दु्स्तान टाइम्स' के अनुसार हाफिज सईद नहीं चाहता कि भारत में किसी भी प्रकार के आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैयबा का नाम आए. हाफिज ने आदेश दिए हैं कि 'कश्मीर छोड़ो आंदोलन' के नाम से प्रेस रिलीज जारी की जाए. इससे यह संदेश देने की कोशिश है कि ये हमले बाहर से नहीं, बल्कि भारत के अंदर से ही हो रहे हैं. रिपोर्ट में कश्मीर के अलगाववादियों को भी मारने की साजिश की खबरें हैं.
जकी-उर-रहमान लखवी के हाफिज सईद के साथ कुछ अनबन हैं. हाफिज सईद अभी नजरबंद हैं. कथित तौर पर लखवी ने अपने ज्यादातर वफादारों को पीओके में स्थानांतरित कर दिया है. इनपुट बताते हैं कि लश्कर ने कश्मीर में अपने कार्यों में अपने नाम का उपयोग नहीं करने का निर्णय लिया है. खुफिया इनपुट से पता चलता है कि लश्कर नहीं चाहता कि कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में उसका नाम आए. हालांकि दोनों के बीच अनबन का कारण स्पष्ट नहीं है.
अलगाववादियों को मार तनाव फैलाने की कोशिश
रिपोर्ट में बताया गया है कि तहरीक-ए-मुजाहिदीन ने खुद को फिर से संगठित कर लिया है. इसमें बिलपापा नाम के आतंकी की मुख्य भूमिका है, जो मौलाना शौकत मर्डर केस को लेकर जेल में था. फिलहाल वह जमानत पर है. यह संगठन अलगाववादी नेताओं की हत्या कर घाटी में तनाव फैला सकता है.
रिपोर्ट में बताया गया है कि तहरीक-ए-मुजाहिदीन ने खुद को फिर से संगठित कर लिया है. इसमें बिलपापा नाम के आतंकी की मुख्य भूमिका है, जो मौलाना शौकत मर्डर केस को लेकर जेल में था. फिलहाल वह जमानत पर है. यह संगठन अलगाववादी नेताओं की हत्या कर घाटी में तनाव फैला सकता है.
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