राजस्थान के धौलपुर जिले में स्थित अचलेश्वर महादेव मंदिर काफी प्रसिद्ध है। चंबलों के बीहड़ों में बना यह मंदिर दूर-दूर तक चर्चा में रहता है। इस शिवलिंग की खासियत यह है कि यह दिन में तीन बार रंग बदलता है। सुबह में शिवलिंग का रंग लाल रहता है, दोपहर को केसरिया रंग का हो जाता है, और जैसे-जैसे शाम होती है शिवलिंग का रंग सांवला हो जाता है। अचलेश्वर महादेव के रंग बदलने के पीछे कौन सा विज्ञान है। इसका पता लगाने के लिए पुरातत्व टीम यहां का निरिक्षण कर चुकी है लेकिन कोई भी इसका रहस्य नहीं जान पाया है
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कोई नहीं जान पाया इसका छोर :-
इस शिवलिंग से जुड़ी एक और चमत्कारिक बात जुड़ी है। बताते हैं कि शिवलिंग के छोर का पता कोई नहीं लगा सकता। कुछ समय पहले कुछ भक्तों ने शिवलिंग की गहराई जानने के लिए खुदाई की थी। लेकिन जब उन्हें इसका छोर नहीं मिला तो खुदाई रोक दी। इन्हीं चमत्कारिक घटनाओं के चलते इस मंदिर में भक्तों का तातां लगा रहता है। खासतौर पर कुंवारे लोगों की मन्नतें यहां आने पर जरूर पूरी होती है।
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