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जानिए : कितना फायदेमंद है सवेरे जल्दी उठना...

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सवेरे जल्दी उठना कितना फायदेमंद होता है, सवेरे जल्दी उठने से हम दिनभर ताजगी महसूस करते हैं , सवेरे जल्दी उठने से दिनऔर जीवन की गति का पता चलता है। लेकिन सवेरे सवेरे जल्दी उठना सबको ही बहुत कठिन काम लगता है, पर अगर आप चुस्त-दुरूस्त रहना चाहते हैं तो आपको सवेरे जल्दी उठने की आदत ज़रूर डालनी चाहिए। एक स्टडी से पता चला है कि सुबह जल्दी उठने वाले लोगों की बुद्धि देर से उठने वाले लोगों से तेज होती है। सवेरे जल्दी उठने से और थोड़ा व्यायाम करने से आप शारीरिक और मानसिक रूप से फिट रहते हैं।


अगर आप सवेरे जल्दी उठते हैं तो आपकी पूरी दिनचर्चा नियमित रहती है। इससे आप बिना भागा दौड़ किए अपना काम सही समय पर ख़त्म कर सकते हैं और कामकरने के बाद भी आपको थकान का एहसास नहीं होता है।

सवेरे जल्दी उठने के कई फायदे -
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@ सवेरे सवेरे जल्दी उठने से आप का दिन बड़ा हो जाता है, आपको ज्यादा समय मिलता है। ऐसा नहीं है कि सवेरे जल्दी उठने से आपको चौबीस घंटे की जगहपच्चीस या छब्बीस मिल जाएँगे, पर जो समय आप सोकर बर्बाद करने वाले थे, वो आपकी दिनचर्या में जुड़ जाएगा। इस तरह आप इस बढ़े हुए समय को अपने दिनभर के कामों में करने में लगा सकते हैं और जब आप महसूस करेंगे कि आपके सब काम समय पर पूरे हो रहे हैं, तो आपको एक तृप्ति, एक संतुष्टि का एहसास होगा,जो मन की शांति के लिए बहुत ज़रूरी है।  
@ आज की इस भाग दौड़ भरी ज़िंदगी में समय की कमी की वजह से अपने लिए, अपनी सेहत के लिए वक़्त निकलना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन सा हो गया है।परंतु अपनी दिनचर्या में थोड़ा सा बदलाव करके और सवेरे जल्दी उठ करके आप इस समय को अपने लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। सवेरे का समय वैसे भी शांतिभरा होता है, ना गाड़ियों की चिल्लपों और ना ही लोगों का शोर, ऐसे में आप इस समय को अपनी पसंद के रचनात्मक कार्यों में इस्तेमाल कर सकते हैं।
@ शरीर और स्वास्थ्य के लिए प्रातःकाल सबसे उत्तम समय है। सवेरे के इस समय में ताज़ी हवा होती है, गाड़ियों का धुआँ नहीं होता, ऐसे में सवेरे सवेरे की गई सैरऔर व्यायाम, शरीर को विशेष लाभ पहुँचाते हैं। ताज़ी हवा में साँस लेने से आपके फेफड़ों को अच्छी मात्रा में ऑक्सिजन मिलती है और रक्त संचार के साथ शरीरके हर कोने में ऑक्सिजन पहुँचती है।
@ मन की शांति के लिए भी सवेरे का समय ही बेहतर है। सवेरे सवेरे ना तो गाड़ियों के हॉर्न का शोर होता है और ना ही लोगों की बातों का, ऐसे में आप ध्यान वयोग कर सकते हैं। ध्यान व योग से आपकी मानसिक व शारीरिक सेहत अच्छी रहती है। इसलिए मन की शांति के लिए भी सवेरे का समय ही उपयुक्त होता है।
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@ पढ़ने वाले बच्चों के सबसे सही समय सवेरे का होता है। सोकर उठने पर दिमाग़ एकदम शांत होता है, ऐसे ने शांत दिमाग़ से की गई पढ़ाई आपको अच्छे से यादरहती है, उसे आप भूलते नहीं। बड़ी क्लास में पढ़ने वाले बच्चों को सवेरे के समय कम से कम दो घंटे अपनी पढ़ाई के लिए ज़रूर रखने चाहिए।
@ दिनभर ऑफ़िस में व्यस्त रहने वाले लोग अपने परिवार, अपने बच्चों के लिए भी समय नहीं निकल पाते और जब तक ऑफ़िस से वापिस आते हैं, बच्चे सो चुके होतेहैं और सवेरे उठने से पहले बच्चे स्कूल जा चुके होते हैं। ऐसे में माता पिता और बच्चों के बीच का भावनात्मक लगाव भी कम होता जा रहा है। सवेरे ख़ुद जल्दीउठकर अपने बच्चों को भी जल्दी उठाइए, उन्हें अपने साथ सैर पर लेकर जाइए। ऐसा करने से आप उनके साथ समय भी बिता पाएँगे, आपकी और उनकी सेहत भीठीक रहेगी और आप एक दूसरे अधिक क़रीब भी आ पाएँगे।
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