
डायबिटीज को मधुमेह के नाम से भी जाना जाता है डायबिटीज धीमे जहर की तरह काम करती है. इसकी एक वजह यह भी है कि ज्यादातर डायबिटीज के मरीजों को पता ही नहीं होता कि वह इसका शिकार बन चुके हैं. और जाने अनजाने में अपने आहार और आदतों से खुद को ही और नुकसान पहुंचाते रहते हैं.शरीर में इन्सुलिन हार्मोन के स्रावण में कमी से डायबिटीज रोग होता है।
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डायबिटीज आनुवांशिक या उम्र बढ़ने पर या मोटापे के कारण या तनाव के कारण हो सकता है। डायबिटीज ऐसा रोग है जिसमें व्यक्ति को काफी परहेज से रहना होता है। तो डायबिटीज के मरीज इन चीजो का खास ध्यान रखें-
@ सामान्य डायबिटिक व्यक्ति को अपने आहार में कुल कैलोरी का 40 प्रश कार्बोहाइड्रेटयुक्त पदार्थों से, 40 प्रतिशत फेट (वसा) युक्त पदार्थों से व 20 प्रतिशत प्रोटीनयुक्त पदार्थों से लेना चाहिए। एक वयस्क अधिक वजनी डायबिटिक व्यक्ति को 60 प्रतिशत कार्बोहाइड्रेट से, 20 प्रतिशत फेट से व 20 प्रतिशत प्रोटीन से कैलोरी लेना चाहिए।

@ डायबिटिक व्यक्ति को हमेशा अपने साथ कोई मीठी चीज जैसे ग्लूकोज, शकर, चॉकलेट, मीठे बिस्किट में से कुछ रखना चाहिए एवं ऐसे लक्षण होने पर तुरंत इनका सेवन करना चाहिए। एक सामान्य डायबिटिक व्यक्ति को अपने आहार में निम्न बातों का ध्यान रखना चाहिए कि वे थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ खाते रहें। दो या ढाई घंटे में कुछ खाएं। एक समय पर बहुत सारा खाना न खाएं।
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@ मधुमेह के रोगी को आंखों व किडनी के रोग, सुन्नपन आना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसलिए सदैव यही प्रयत्न करना चाहिए कि ब्लड ग्लूकोज लेवल फास्टिंग 70-110 मिलीग्राम/ डीएल व खाना खाने के 2 घंटे बाद का 100-140 मिलीग्राम डीएल बना रहे। इसके लिए इन्हें खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 45 मिनट से 1 घंटा तीव्र गति से पैदल चलना या अन्य कोई भी व्यायाम करना चाहिए। सही समय पर दवाई या इंसुलिन लेना चाहिए। डायबिटिक व्यक्ति को अपने वजन व लंबाई के अनुसार प्रस्तावित कैलोरीज से 5 प्रश कम कैलोरी का सेवन करना चाहिए।
उदाहरण के तौर पर यदि किसी व्यक्ति की लंबाई 5 फुट 4 इंच है तो उसका आदर्श वजन 55 किग्रा होना व्यक्ति की क्रियाशीलता यदि कम है, जैसे कि वह बैठे-बैठे कार्य करता है तो उसे 2400 कैलोरी लेना चाहिए।

@ मधुमेह के रोगी का आहार केवल पेट भरने के लिए ही नहीं होता, उसके शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा को संतुलित रखने में सहायक होता है। चूंकि यह रोग मनुष्य के साथ जीवन भर रहता है इसलिए जरूरी है कि वह अपने खानपान पर हमेशा ध्यान रखा जाए। आमतौर मरीज ब्लडशुगर की नार्मल रिपोर्ट आते ही लापरवाह हो जाता है। मधुमेह के मरीज के मुंह में गया हर कौर उसके स्वास्थ्य को प्रभावित करता है। इसलिए जो भी खाएं सोच समझकर खाएं।
@ डायबिटिक हो तो इसका 5 प्रश कम अर्थात 2280 कैलोरी आहार उसके लिए सही रहेगा। यदि वह मोटा हो तो उसे 200-300 कैलोरी और घटा देना चाहिए। ब्लड ग्लूकोज लेवल फास्टिंग 70-110 मिलीग्राम/ डीएल व खाना खाने के 2 घंटे बाद का 100-140 मिलीग्राम डीएल बना रहे। इसके लिए इन्हें खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 45 मिनट से 1 घंटा तीव्र गति से पैदल चलना या अन्य कोई भी व्यायाम करना चाहिए।
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