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26/11 मुंबई हमले के बीते आठ साल लेकिन ज़ख्म अभी भी हैं ताजे , खुला घूम रहा है हमले का मास्टरमाइंड पढ़ें ये रिपोर्ट !!

कुछ याद आया आपको आज के दिन क्या हुआ था या भूल गए हो चलो हम ही याद दिला देते है 26/11 को मुबई में जो आतंकी हमला हुआ था उसे आज पुरे 8 साल हो गए है उस आतंकी हमले से पूरा मुंबई सहम गया था ऐसा लग रहा था मानो चारो तरफ मौत की दहशत फैली थी . भले ही आज उस हमले को हुए आठ साल क्यों न हो गए हो लेकिन हैरानी की बात तो देखो उस हमले का मास्टरमाइंड आज भी बेखौफ घूम रहा है उसपर अब तक कोई कार्यवाही नही की गई है .
आज एक बार फिर उस भयानक काली रात को याद करते है तो दिल सहम जाता है और उसे कैसे भुलाया जा सकता है 26 नवम्बर 2008 की रात जब लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकी समुद्री रास्ते से भारत में घुस आए थे और उस समय उन्होंने 170 बेगुनाहों को गोलियों से छलनी कर दिया था इसके अलावा 308 लोग जख्मी हो गए थे लोगो ने अपनी आँखों के सामने अपने परिवार को मरते देखा था उस आतंकी हमले में अजमल कसाब सहित 10 आतंकवादी शामिल थे लेकिन मौके पर सभी फरार हो गए थे केवल अजमल कसाब ही पकड़ा गया जिसे फांसी दी गई है व् अन्य आतंकियों का कोई पता नही चला है वे आज भी खुली हवा में सांस ले रहे है .
जब मुंबई हमले की छानबीन की गई तो पता चला कि 10 आतंकी नाव में कराची के रास्ते से मुंबई में घुसे थे इनके साथ उस नाव में 4 भारतीय भी शामिल थे जिन्हें किनारे पहुँचने से पहले ही मौत के घात उतार दिया गया था करीब रात के 8 बजे वे आतंकी कोलाबा के पास कफ परेड के मछली बाज़ार में उतरे थे और फिर अलग-अलग ग्रुपों में बंटकर टेक्सी लेकर अपने-अपने रास्ते निकल लिए .

रात 9:45 मिनट पर उनका एक गुट ताज की तरफ तेज़ी से बढ़ता जा रहा था लेकिन इससे पहले उनके रास्ते में लियोपार्ड कैफे आ गया जहाँ बहुत से लोगो के साथ विदेशियों की भीड़ भी शामिल थी उन आतंकियों ने आते ही लोगो पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी थोड़ी ही देर में वहां का नजारा ऐसा हो गया था मानो वहां पर खून की होली खेली गई हो इतना सब करने के बावजूद भी वे आतंकी रुके नही क्यूंकि उनका लक्ष्य तो कुछ और ही था .
इसके बाद वे ताज होटल की तरफ बढने लगे और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस स्टेशन के अलावा आतंकियों ने ताज होटल, होटल ओबरॉय, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल और मुबई के कई जगहों पर हमला शुरू कर दिया इस हमले ने पूरी मायानगरी मुंबई को मातम में डुबो दिया था आज भले ही उसे दर्दनांक हादसे को 8 साल क्यूँ न हो गए हो लेकिन जब भी 26/11 की तारीख आती है पुराने जख्म फिर जिन्दा हो जाते है .
उस हमले में कितने घर तबाह हुए न जाने कितने लोगो की मौत हुई और बदले में केवल एक ही आतंकी को फांसी की सजा दी गई और सबसे बड़ी बात इस बीच जिसने ये योजना बनाई थी वो मास्टरमाइंड हाफिज सईद अभी भी पाकिस्तान में बिना किसी डर के घूम रहा है
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