
ये सबसे बड़ी और चोंकने वाली ख़बर पाकिस्तान से आ रही है, ज़िंदगी में पहली बार पाकिस्तानियों ने कोई अच्छा काम किया है । बता दें कि पाक के एक प्रांत सिंध की सरकार ने बृहस्पतिवार को हिंदुओं के हित का नया कानून बनाकर अपने राज्य में ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तन कराने को दंड देने योग्य जुर्म/अपराध घोषित कर दिया है।
सबसे बड़ी बात ये है कि सिंध की विधान सभा में प्रस्तुत किए गए इस अल्पसंख्यक सुरक्षा विधेयकका बहुमत से सभी पार्टियों ने समर्थन किया है। ग़ौरतलब है कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों और विशेषकर हिंदुओं के ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तन के मामले अक्सर ही आते रहते हैं लेकिन अब पाकिस्तान के ईतिहास में पहली बार हुआ है कि पूरे देश के किसी भी राज्य में इसे दंड देने योग्य अपराध माना गया हो । बता दें कि इस नए कानून के अनुसार ज़बरदस्ती धर्म बदलने की कोशिस कराने का दोषी पाए जाने पर मुजरिम को पांच साल या आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है। यही नहीं दोषी व्यक्ति को इसके अलावा पीड़ितो को आर्थिक जुर्माना भी अदा करना होगा । हालाँकि पाकिस्तान में बर्बरता की ये कंडिशन है कि क़ानून के बावजूद ये नहीं कहा जा सकता की कितने लोग पुलिस कंप्लैंट करवा पाने की हिम्मत जुटाएँगे । ख़ैर जो भी हो ये एक बेहद सकारात्मक पहल है ।

आगे बता दें कि इस नए कानून के अनुसार अगर किसी का ज़बरदस्ती धर्म परिवर्तन करवाया गया है और उस व्यक्ति की शादी दूसरे धर्म में कराने वाले को भी तीन साल की सजा और साथ में जुर्माना हो सकता है। और सिंध के इस नए कानून के अनुसार नाबालिगों का धर्म परिवर्तन तो हो ही नहीं सकता और ये पूरी तरह गैर-कानूनी घोषित कर दिया गया है। यही नहीं धर्म परिवर्तन करने वाले किसी भी आदमी को सरकार के पास 21 दिन पहले सूचना देनी होगी ।

बताते चलें कि सिंध की विधान सभा में इस विधेयक को पाकिस्तान मुस्लिम लीग के हिंदू MLA नंद कुमार गोकलानी ने 2015 में पेश किया था। नंद कुमार गोकलानी ने इस विधेयक को पारित करके क़ानून बनवाने में मदद करने के लिए सभी दलों का आभार व्यक्त किया है। ध्यान रहे पाकिस्तान में अब करीब 20 लाख हिंदू आबादी ही रह गयी है । हिंदुओं के अलावा यहाँ सिख, बौद्ध, ईसाई, बहाई, अहमदिया इत्यादि धर्म के भी अल्पसंख्यक भी रहते हैं ।
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