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क्या सेक्युलर नेता इसी कारण है दुखी ?? क्यूंकि नोटबंदी के कारण नक्सलवाद की कमर लगभग टूटी !

हम आपको आज की बड़ी ख़बर बताने जा रहे है जो की ओड़िसा की है . कल छग-उड़ीसा सीमा पर स्थित मलकानगिरी जिले में 222 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है . उन 222 नक्सली में से 72 महिलायें है . एसपी मित्रभानु महापात्र ने बताया कि सरेंडर करने वाले समर्थकों में सनाटेकगुड़ा से 77, बड़ेटेकगुड़ा से 78 व कॉलोनी टेकगुड़ा से 67 हैं . यह इलाका नक्सलियों के प्रभुत्व वाला क्षेत्र हैं . पुलिस ने जानकारी दी कि 222 नक्सली समर्थक मलकानगिरी बीएसएफ कैंप पहुंचे और कैंप पहुँचने के बाद सभी नक्सलियों ने नक्सलवाद का साथ छोडऩे का संकल्प लिया .
कमाल का है ये स्प्रे सूंघते ही पट जाएगी आपकी फीमेल पार्टनर
असल में नोटबंदी के कारण नकसलवादियों का कालाधन कचरा हो गया है. 500-1000 के नोट बंद होने के कारण नक्सलवाद की कमर टूट गयी है. देश में वामवंथी बहुत परेशान है जिसकी वजह से कल माओवादी नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर लिया. आपको बता दे की इन नक्सलियों को चीन और पाकिस्तान से भारत में आतंक फैलाने के लिए पैसे मिलते थे . और मोदी जी ने अचानक बड़े नोटों पर प्रतिबन्ध लगा दिया . जिसके कारण इन नक्सलियों का सारा पैसा रद्दी हो गया है . देश को इतनी बड़ी समस्या से छुटकारा मिल रहा है और हमरे देश के सेक्युलर नेता इस फैसले को वापिस लेने की मांग कर रहे है . मोदी जी के इस फैसले का विरोध कर रहे है .
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