जयपुर के जवाहर कला केन्द्र में एक कार्यक्रम के दौरान इरफान खान ने एक सेशन में कहा कि वो कुछ समय बाद अपना ये वाला नाम बदलना चाहते हैं । क्यूँकि वो नहीं चाहते की उनके नाम से किसी को भी उनके धर्म का पता चल सके और ना ही किसी भी जात -पात की पहचान हो सके। जब उनसे पूछा गया कि पुरानी परंपराओं पे आपका क्या कहना है तो उन्होंने इस सवाल का जवाब देते हुए कहा कि मैं क्यों उन परंपराओं का आदर करुं जिनका पालन मेरे पूर्वज और सभी लोग करते आ रहे हैं। मेरा अपना दिमाग है मैं कोई कठपुतली नहीं हूं।
केवल इतना ही नहीं इरफान ने ऑस्कर में भेजे जाने वाली भारतीय फिल्मों की चयन कमेटी पर भी कड़े सवाल खड़े किए हैं। इरफान ने कहा केवल भारत ऐसा देश है जहाँ से अच्छी फिल्मों को बिलकुल इग्नोर किया जाता है और नहीं भेजा जाता है। इसके लिए बेहद जरूरी है फ़िल्म CHOOSE करने वाली कमेटी निष्पक्ष होकर सोचे ताकि हमारे देश भारत की फिल्मों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिल सके ।
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