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भारत जीत सकता है एनएसजी की सदस्यता, पाकिस्तान अधिकारीयों को डर !!


भारत को न्‍यूक्लियर सप्‍लायर्स ग्रुप (एनएसजी) की सदस्यता मिल सकती है. परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता में शामिल होने लिए भारत का सभी समर्थन कर रहे है जिससे भारत का प्रोत्साहन बढ़ रहा है. भारत को इस सदस्यता की छुट मिलने से छोटे देशों में पर दबाव पड़ सकता है. दुनिया में बहुत से ऐसे देश है जिन्हें अपना दृष्टिकोण बदलने की जरुरत है, लेकिन छोटे देशों में अभी भी दबाव बना हुआ है. विदेश कार्यालय के निरस्त्रीकरण के महानिदेशक कामरान अख्तर का कहना है की “हमे विश्वास है की एनएसजी देश हमे निराश नहीं करेंगे”. लेकिन अगर भारत को यह छुट दी जाती है तो सभी एनएसजी देशों पर गहरा असर पड़ सकता है.

कामरान अख्तर ने ये दक्षिण एशिया में हुई एक ‘रक्षा, शक्ति संतुलन और स्थिरता’ पर वर्कशॉप में बोला. भारत की सदस्यता का असर ना केवल पाकिस्तान को बल्कि अन्य गैर परमाणु हथियार वाले राज्यों पर भी पड़ने वाला है. पिछले महीने वियना में एनएसजी देशों की बैठक में एनएसजी सदस्य एनपीटी देशों के प्रवेश पर रोक नहीं लगा पाए. परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) की सदस्यता हासिल करने के लिए भारत के कूटनीतिक प्रयास आगे बढ़ते नजर आ रहे है.  परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह (एनएसजी) में पहले से ही 48 देश है.  एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, 48 देशों के एनएसजी में शामिल होने के लिए भारत को कुछ रणनीति बनानी होगी.
चीन भारत की एनएसजी में मेंबरशिप का विरोध कर चुका है लेकिन फिर भी भारत 34 देशों के मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (MTCR) में एंट्री पाने में कामयाब रहा. भारत के एनएसजी में शामिल होने पर पाकिस्तान की चिंताएं बढती जा रही है. पाकिस्तान डरा बैठा है. दक्षिण एशिया के वरिष्ठ ने राहुल रॉय चौधरी ने आईआईएसएस में कहा कि 2008 मुंबई हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच सम्बन्ध बिगड़ चुके है.
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