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दूसरी कक्षा की छात्रा है ये बच्ची, हर शाम रेलवे स्टेशन की लाइट्स के नीचे बैठकर पढ़ती है

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था, “गर तुम सूरज की तरह चमकना चाहते हो, तो पहले उसकी तरह जलना होगा.” ये विचार बहुत गहरा है. दुनिया में लोगों का चमकना दिखता है, पर उसके पीछे उस शख़्स का जलना किसी को नहीं दिखता.


इस तस्वीर में एक बच्ची पढ़ती दिख रही है. इस बच्ची का नाम दिव्या है. हर शाम ये रेलवे स्टेशन की लाइट्स के नीचे बैठकर पढ़ाई करती है. खबर उत्तरप्रदेश के उरई की है. दिव्या दूसरी कक्षा में पढ़ती है. इस बच्ची का परिवार पास के एक मंदिर के बाहर रहता है.

ये पढ़ाई को लेकर दिव्या की लगन ही है, जो उसे रौशनी की तलाश में यहां ले आई है. यहां से रास्ता बहुत लंबा है. दिव्या जैसे बच्चे किसी की सहानुभूति की उम्मीद नहीं रखते, बल्कि अपने आप से जो बन पड़ता है वो करते हैं. ऐसे बच्चे दूसरों के लिए एक विश्वास स्थापित करते हैं कि मुश्किल कुछ भी नहीं, दिक्कतें आज हैं, कल नहीं होंगी. बेहतर भविष्य की कामना की तलाश में दिव्या की लगन बढ़ रही है.
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