
राहुल गांधी ने नोटबंदी के फैसले से उपजी समस्याओं का समाधान नहीं करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि "किसान मर रहे हैं और प्रधानमंत्री मौज-मस्ती के मूड में लगते हैं। उन्हें नोटबंदी पर चर्चा के लिए सदन में आना चाहिए।"
राहुल ने कहा कि एक महीने पहले प्रधानमंत्री ने बिना किसी एक्सपर्ट से पूछे अपने आप एक फाइनेंसियल एक्सपेरिमेंट कर डाला। इस जबरजस्त नुकसान हिन्दुस्तान के गरीब लोगों को हुआ, किसानों को बीज बोने का पैसा नहीं मिला, L&T ने एक लाख लोगों को नौकरी से निकला दिया। बेरोजगारी बढ़ रही है।
राहुल गाँधी ने कहा 'लोग कह रहे हैं कि यह बहुत ही बोल्ड निर्णय है, ये बोल्ड निर्णय नहीं है बल्कि बकवास और मूर्खतापूर्ण बताते हुए कहा कि मोदी जी ने अपने आप ही ऐसा निर्णय ले लिया, उन्होंने निर्णय लेने से पहले किसी समझदार से सलाह मशवरा करना भी उचित नहीं समझा।
उन्होंने कहा कि मोदी हर चीज से भाग रहे हैं, हम चाहते हैं कि वो लोकसभा और राज्य सभा में आकर बात कर लें और हम उन्हें यहाँ से भागने नहीं देंगे, हम यहाँ पर उन्हें पकड़कर समझा देंगे।
राहुल ने कहा कि एक महीने पहले प्रधानमंत्री ने बिना किसी एक्सपर्ट से पूछे अपने आप एक फाइनेंसियल एक्सपेरिमेंट कर डाला। इस जबरजस्त नुकसान हिन्दुस्तान के गरीब लोगों को हुआ, किसानों को बीज बोने का पैसा नहीं मिला, L&T ने एक लाख लोगों को नौकरी से निकला दिया। बेरोजगारी बढ़ रही है।
राहुल गाँधी ने कहा 'लोग कह रहे हैं कि यह बहुत ही बोल्ड निर्णय है, ये बोल्ड निर्णय नहीं है बल्कि बकवास और मूर्खतापूर्ण बताते हुए कहा कि मोदी जी ने अपने आप ही ऐसा निर्णय ले लिया, उन्होंने निर्णय लेने से पहले किसी समझदार से सलाह मशवरा करना भी उचित नहीं समझा।
उन्होंने कहा कि मोदी हर चीज से भाग रहे हैं, हम चाहते हैं कि वो लोकसभा और राज्य सभा में आकर बात कर लें और हम उन्हें यहाँ से भागने नहीं देंगे, हम यहाँ पर उन्हें पकड़कर समझा देंगे।
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री का तथाकथित साहसिक कदम वास्तव में एक मूर्खतापूर्ण फैसला है, जिससे देश तबाह हो गया है।"
आज सबह कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, गुलाम नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, जद (यू) के नेता शरद यादव, तृणमूल कांग्रेस के कल्याण बनर्जी सहित बड़ी संख्या में विपक्ष के नेताओं ने सिर व बाजुओं पर काला रिबन बांधकर मौन विरोध जताया। इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कांग्रेस के उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने किया, लेकिन बाद में तृणमूल कांग्रेस, जनता दल (युनाइटेड), समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), वामपंथी पार्टियां और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) भी इसमें शामिल हो गया।
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