“इतना टाइम किसके पास है?” “ज़्यादा चबाने से खाने का स्वाद बिगड़ जाता हैं यार!” “आजकल इतनी भागा-दौड़ी है कि इस सब बातों पर ध्यान ही नही जाता.” अगर आप लोगों को ये सलाह देंगें कि एक कौर को 32 बार चबाना है तो वो इस तरह के तर्कों से आपकी बोलती बंद करा देंगें.
लेकिन क्या ये वाकई इतना ज़रूरी है? आइये देखते हैं –
आपके मुंह में 32 दांत हैं –
आपके मुंह में 32 दांत हैं, ये प्राकृतिक संकेत है कि आप एक कौर को 32 बार चबाएं. (ख़ासकर ठोस चीज़ें)
क्या आपकी आंतें दांतों की तरह मजबूत हैं?
हमारी आंतें दांतों की तरह मज़बूत नही होतीं. इसके कारण यदि आप आधा चबा के खायेंगे तो बाकि काम भी आँतों को करना पड़ेगा जिनके लिए वो नही बनी हैं.
लार का कमाल –
जब हम ज़ल्दी में खाना खातें है तो उसमे उचित मात्रा में लार नही मिल पाता जो कि पाचन में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. इसमें विद्युत अपघट्य (electrolytes) जैसे – सोडियम, पोटेशियम, क्लोराइड आयन आदि तथा पाचन इन्जाइम जैसे – टायलीन और लाईसोजाइम होते हैं जो पाचन के लिए अपरिहार्य हैं.
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