नई दिल्ली। जानकारी के अनुसार पीड़िता ने बताया कि सभी छात्रों को शोध लिखकर जमा करने के लिए विभाग की ओर से मई में मिला था। जिसके सिलसिले में वो एचओडी रामचंद्र पाठक से मिलने गई तो उन्होंने उसको ऊपर अपने केबिन में बुलाया। जहां पीड़िता ने उनसे कहा कि सर मुझे फरुर्खाबाद अपने घर जाना है और अगर आप बता दें तो मैं अपना शोध जल्दी पूरा कर घर जा सकूंगी। उस पर उन्होंने कहा कि जल्दी के लिए तुम्हें गुरु दक्षिणा देनी होगी और मेरे शरीर पर हाथ फेरने लगे। उनकी गंदी नियत समझ मैंने उन्हें तभी 2 तमाचे जड़ दिए और केबिन से बाहर रोते हुए निकल आई।
जिसके बाद पाठक ने कहा कि, “जल्दी के लिए तुम्हे गुरु दक्षिणा देनी होगी और मेरे शरीर पर हाथ फेरने लगे। उनकी गन्दी नियत समझ मैंने उन्हें तभी दो तमाचा जड़ दिया और केबिन से बाहर रोते हुए निकल आई”
सकी शिकायत मैं तभी करने वाली थी लेकिन अन्य शिक्षकों और मैम ने मुझे मना कर दिया और बोला जो समस्या है बताओ हम मदद कर देंगे और इस बात को यहीं दबा दो।
अब जब मैं अपना शोध पूरा कर उसे जमा करने के लिए आई और 19 अगस्त को उनको दिखाया तो उन्होंने व्यस्तता दिखाते हुए मैम को चेक कराने को बोला और जब मैम को दिखाने के बाद 20 अगस्त को मैंने बाइंडिंग करा कर वापस एचओडी के पास पहुंची तो वो कहते हैं कि तुमने बिना चेक कराये बाइंडिंग क्यों करा दिया और भद्दी भद्दी गालियों का प्रयोग करते हुए हमे जाने को कह दिया।
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